कोरोना :हर 55 सेकंड में एक की मौत, प्रत्‍येक 60 सेकंड में 111 लोग संक्रमित

वाशिंगटन। अमेरिका में डेल्‍टा वैरिएंट का कहर जारी है। कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर वह अब तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। आलम यह है कि पिछले आठ महीनों में देश में कोरोना वायरस के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं।

अमेरिका में हर 55 मिनट में एक कोरोना मरीज की मौत हो रही है। प्रत्‍येक 60 सेकंड में 111 लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। अमेरिका में हर सेकंड में कोरोना के दो मामले सामने आ रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिका में कोरोना के मामले चार करोड़ के पार जा चुके हैं। अब तक 6.62 लाख से अधिक मौतें हो चुकी है। मरीजों की संख्‍या इतनी बढ़ गई है कि अस्‍पताल पूरी तरह से भर चुके हैं।

अमेरिका के कई राज्‍यों में कोरोना वायरस का व्‍यापक असर देखने को मिला है। हवाई, वेरमोंट, टेक्सास कंसास, वर्जिन आइलैंड अलास्का, ऊटाह, नेवादा, ओरेगन, जॉर्जिया और नॉर्थ कैरोलिना में 2020 की तुलना में अगस्त 2021 में अधिक मौतें हुई हैं।

एरिजोना, ओक्लाहामा, वेस्ट वर्जीनिया, केंटुकी, वर्जीनिया, कैलिफोर्निया और अलबामा में स्थिति और खराब है। अमेरिका में कोरोना के कहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केवल अगस्त महीने में कोरोना के 42 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं।

उधर, कोरोना से मरने वालों की संख्या जुलाई की तुलना में तीन गुना से भी अधिक बढ़ी है। रिपब्लिकन राज्यों में मौतों की संख्या पिछले साल से बढ़ गई है। अमेरिका में आक्‍सीजन की कमी होने की आशंक जताई जा रही है।

उधर, अमेरिका में वैक्‍सीनेशन का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन इस बीच वहां से एक नकारात्‍मक खबर भी सामने आई है। अमेरिका में छह महीने में करीब डेढ़ करोड़ डोज बर्बाद हुआ है। इतने डोज से दुनिया के 20 से ज्यादा छोटे देशों की पूरी आबादी को वैक्सीनेट किया जा सकता था।

यह जानकारी अमेरिकी फार्मेसी कंपनियों और राज्य सरकारों द्वारा जारी आंकड़ों से सामने आई है। अमेरिका में भी जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई, उनमें वायरस तेजी से फैल रहा है।

अमेरिका में हर हफ्ते दो लाख बच्चे कोरोना से प्रभावित हो रहे हैं। देश में मौजूदा वैक्सीन उन्हें नहीं लग सकती, क्योंकि उनकी टेस्टिंग बच्चों पर नहीं हुई है। अमेरिका में बच्‍चों को वैक्‍सीन दिए जाने पर शोध चल रहा है।

अमेरिका में इस बात पर शोध चल रहा है कि बच्‍चों को कितनी मात्रा में डोज दिया जाए। इसका बच्‍चों पर क्‍या असर होगा। अमेरिका में आधिकारिक तौर पर जब तक बच्चों की वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक सरकार उन्हें मौजूदा वैक्सीन देने का जोखिम नहीं ले सकती।

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