लाहौल-स्पीति: अब श्रद्धालु दुनिया के किसी भी कोने से लाहौल-स्पीति जिले के उदयपुर के ऐतिहासिक मंदिर त्रिलोकीनाथ के दर्शन कर सकेंगे। रविवार को त्रिलोकीनाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी ने मंदिर की वेबसाइट लांच की। वेबसाइट में मंदिर के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। श्रद्धालु मंदिर में ऑनलाइन दान भी दे सकेंगे।
अगले कुछ दिनों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अब मंदिर में होने वाली पूजा-अर्चना ऑनलाइन फेसबुक और यू-ट्यूब चैनल पर दिखाई जाएगी। श्रद्धालु घर बैठे ऑनलाइन अवलोकेतेश्वर के दर्शन कर सकेंगे। उपायुक्त लाहौल-स्पीति नीरज कुमार ने बताया कि मंदिर की वेबसाइट लांच कर दी गई है।
मंदिर में ऑनलाइन दान की सुविधा शुरू की जा रही है। दान देने वाले श्रद्धालुओं को त्रिलोकीनाथ मंदिर की वेबसाइट पर जाना होगा। इसमें प्लेओन का ऑप्शन आएगा, जहां क्लिक करना होगा। इसके बाद फोन-पे, गूगल-पे और पेटीएम का ऑप्शन आएगा। तीनों ऑप्शन में से किसी भी सुविधा का इस्तेमाल कर दान कर सकते हैं।
त्रिलोकीनाथ मंदिर चंद्रभागा नदी के बाएं छोर पर उदयपुर से पांच किलोमीटर दूर वामतट पर है। साल में लगभग छह महीने बर्फ से ढके रहने वाली इस जगह पर माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच जाता है। समुद्र तल से 2742 मीटर ऊंचाई पर बसा उदयपुर छोटी सी आबादी वाला इलाका है।
अगस्त महीने में त्रिलोकीनाथ के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पौरी मेला होता है। पौरी मेला त्रिलोकीनाथ मंदिर और गांव में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला तीन दिन का उत्सव है। इस दौरान भगवान को दही और दूध से नहलाया जाता है।
स्थानीय मान्यता के अनुसार भगवान शिव इस दिन घोड़े पर बैठकर गांव आते हैं। इसी वजह से इस उत्सव के दौरान एक घोड़े को मंदिर के चारों ओर ले जाया जाता है।