हल्द्वानी : माघ माह में आने वाली गुप्त नवरात्रि इस बार दस दिनों की होंगी। षष्ठी तिथि दो दिन होने से नवरात्रि एक दिन बढ़ जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ की गुप्त नवरात्रि को साल के चार नवरात्र में आखिरी माना जाता है। शुक्ल पक्ष में ग्रह-नक्षत्रों के विशेष संयोग में गुप्त नवरात्र खास होने वाली हैं। कुंभ संक्रांति के साथ ही गुप्त नवरात्र की शुरुआत हो रही है। माघ की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत गुरु के उदय के साथ होगी। गुरु तारा उदय होने से यह पर्व ज्यादा शुभ और फलदायी रहेगा।
ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि हिंदू कैलेंडर के मुताबिक साल में चार नवरात्र होते हैं। चैत्र और अश्विन में प्रकट नवरात्रि होती है, जबकि माघ और आषाढ़ माह की नवरात्र को गुप्त माना जाता है। इस बार माघ की नवरात्रि 12 फरवरी से शुरू होगी और 21 को नवमी के साथ पूर्ण होगी। गुप्त नवरात्रि साधना कर सिद्धि पाने वालों के लिए मान्य है। यह गुप्त नवरात्रि गुरु के उदय के साथ शुरू हो रही है, इसलिए साधकों के लिए यह ज्यादा शुभ है।
नवरात्र की शुरुआत 12 फरवरी को होगी। इसी दिन सूर्य मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इस क्रिया को कुंभ संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति पर्व पर स्नान-दान, पूजा-पाठ करने का अत्यधिक महत्व है। नवरात्रि के समय कुंभ में सूर्य रहेगा। वहीं शुक्र मकर राशि, बुध, गुरु व शनि वृष राशि में रहेंगे। यह ग्रह स्थिति भी साधकों को सिद्धि के लिए अनुकूल है।