चलता-फिरता शहर है INS विक्रांत

18 मंज़िल, 1600 क्रू, 16-बेड के अस्पताल से है लैस

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ का जलावतरण करेंगे, जो भारत के समुद्री इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जहाज है. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस, ‘आईएनएस विक्रांत’ एक “चलता-फिरता शहर” है. दरअसल इसमें हर वो सुविधा हैं जो एक शहर में होती हैं. वहीं आईएनएस विक्रांत हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में योगदान देगा. आईएनएस विक्रांत पर विमान उतारने का परीक्षण नवंबर में शुरू होगा, जो 2023 के मध्य तक पूरा हो जाएगा.

262 मीटर: भारत में बनने वाला सबसे बड़ा युद्धपोत आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है. आईएनएस विक्रमादित्य के बाद यह देश का दूसरा विमानवाहक पोत होगा, जिसे रूसी प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है.
2 फुटबॉल मैदान: युद्धपोत दो फुटबॉल मैदानों जितना बड़ा है और 18 मंजिल लंबा है, नौसेना की ओर से ये जानकारी दी गई है.

2 ओलंपिक पूल: एयरक्राफ्ट कैरियर का हैंगर दो ओलंपिक आकार के पूल जितना बड़ा है. प्रारंभ में, युद्धपोत मिग लड़ाकू जेट और कुछ हेलीकॉप्टर ले जाएगा. युद्धपोत की कमान मिलने के बाद नौसेना विमानन परीक्षण करेगी.
1,600 चालक दल: आईएनएस विक्रांत पर 1,600 चालक दल के सदस्य और 30 विमान बोर्ड कर सकते हैं. यह ऐसी मशीनों से लैस है जो एक घंटे में 3,000 चपातियां बना सकती हैं.

16-बेड वाला अस्पताल: युद्धपोत, जिसे बनने में एक दशक का समय लगा, वह 16-बेड के अस्पताल, ईंधन के 250 टैंकर और 2,400 डिब्बों से लैस है.

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