वन विभाग के सभी कार्मिकों की छुट्टियां रद

देहरादून:  वन मंत्री उनियाल ने वन मुख्यालय के मंथन सभागार में हुई समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि वनाग्नि प्रबंधन समितियों से वीडीओ (विलेज डेवलपमेंट आफीसर) को भी जोड़ा जाए। इससे उनकी भागीदारी भी वनों में अग्नि नियंत्रण में हो सकेगी। राज्य में अभी तक 415 वनाग्नि प्रबंधन समितियां गठित की जा चुकी हैं।

उन्होंने वनों को आग से बचाने में व्यापक जनसहयोग की जरूरत भी बताई और जनता से इसके लिए आगे आने का आह्वान किया। उधर, राज्य में बढ़ती अग्नि दुर्घटनाओं को देखते हुए वन विभाग में सभी कार्मिकों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। शासन ने इसके आदेश भी जारी कर दिए हैं।

वन मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में वन मंत्री उनियाल ने राज्य में वनों में हुई आग की घटनाओं का ब्योरा रखा। उन्होंने कहा कि सभी डीएफओ को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि कहीं भी आग की घटना सामने आने पर वे स्वयं मौके पर जाकर इस पर नियंत्रण सुनिश्चित कराएं।

इसमें किसी प्रकार की कोताही सहन नहीं होगी। अग्नि नियंत्रण के लिए सभी प्रभागों को बजट जारी किया गया है। मानव संसाधन में वृद्धि के मद्देनजर अब तक 3983 फायर वाचर भी तैनात किए गए हैं। अग्नि नियंत्रण के लिए सेना से बात की गई है। जरूरत पडऩे पर सेना की मदद ली जाएगी।

उन्होंने बताया कि वनाग्नि प्रबंधन समितियों का सक्रिय सहयोग लेने का बैठक में निर्णय लिया गया। इसके लिए अधिकारियों से सकारात्मक कार्रवाई की अपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि वनों में अग्नि दुर्घटनाओं में रिस्पांस टाइम कम करने पर जोर है, ताकि आग पर तत्काल काबू पाया जा सके।

इसमें वनाग्नि प्रबंधन समितियां की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, क्योंकि वे अपने क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति से वाकिफ होती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की 11203 वन पंचायतों को भी सक्रिय किया गया है।वन और जन के रिश्ते को मजबूत करने के लिए सरकार फारेस्ट फ्रैंडली नीतियां लागू कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सभी वन प्रभागों के डीएफओ को निरंतर सक्रिय रहने और अग्नि नियंत्रण में आमजन का सक्रिय सहयोग लेने को कहा गया है।

तापमान बढऩे के साथ ही आने वाले दिनों में वनों में आग की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इसे देखते हुए शासन भी स्थिति पर निरंतर नजर रखे हुए है। इसी कड़ी में शासन ने वन विभाग के सभी कार्मिकों की छुट्टियां रद की हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि केवल विशेष परिस्थिति में ही अवकाश स्वीकृत किया जाएगा।

आदेश में कहा गया है कि अग्नि नियंत्रण में लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही अति संवेदनशील व संवेदनशील वन प्रभागों के प्रत्येक क्रू-स्टेशन में आवश्यक उपकरणों समेत कार्मिकों की टीमें चौबीसों घंटे सातों दिन तैनात रहेंगी।

विभाग को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि मानव संसाधन व उपकरणों में कहीं कोई कमी न रहने पाए। आदेश में अग्नि नियंत्रण व प्रबंधन में जनसमुदाय का सक्रिय सहयोग लेने और जनजागरण के लिए विद्यार्थियों का सहयोग लेने को भी कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *