पूर्व मंत्री के बेटे पर फूटा जनता का गुस्सा, पुलिस की गाड़ी रोककर की धुनाई

देहरादून: उत्तराखंड की अंकिता भंडारी मर्डर केस में पुलिस ने शुक्रवार (23 सितंबर, 2022) को बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री के बेटे पुलकित आर्य सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस जब आरोपियों को गिरफ्तार कर ले जा रही थी। उसी वक्त स्थानीय लोगों ने पुलिस की गाड़ी को रोककर बीजेपी नेता के बेटे की जमकर धुनाई कर दी। इस दौरान काफी भीड़ जमा हो गई।

पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने विवाद के बाद अंकिता को चीला शक्ति नहर में धक्का देने की बात को स्वीकार की है। पुलकित आर्य पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे और उत्तराखंड ओबीसी कल्याण आयोग के मौजूदा उपाध्यक्ष अंकित आर्य के भाई हैं। अंकिता उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के श्रीकोट गांव की रहने वाली थी और उसे हाल ही में आर्य के रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया था।

वहीं नदी में पानी बढ़ने के चलते एसडीआरएफ को युवती का कुछ पता नहीं चल पाया। पुलिस जांच से पता चलता है कि अंकिता भंडारी को गंगा में फेंकने के बाद आर्य और उसके दोस्तों ने पुलिस को गुमराह करने और अपने अपराध को छिपाने के लिए एक कहानी गढ़ी और युवती के रिजॉर्ट से लापता होने की बात कहते हुए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

घटनास्थल से लौटने के बाद आरोपियों ने रिसॉर्ट के कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार किया जैसे अंकिता अभी भी जीवित है। उसी रात आरोपी किसी भी पूछताछ से बचने के लिए हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। हरिद्वार से पुलकित आर्य ने अपने रिसॉर्ट को फोन किया और अनुरोध किया कि अंकिता भंडारी को फोन किया जाए, क्योंकि वह उससे बात करना चाहता था, ताकि वह बहाना बनाने की कोशिश कर सके।

जब होटल के कर्मचारियों ने उसे बताया कि अंकिता भंडारी कहीं नहीं है, तो उसने स्थानीय पुलिस को अंकिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए कहा। पीड़िता के परिवार ने शुरू में रिसॉर्ट से सीसीवीटीवी फुटेज खंगालने की कोशिश की, क्योंकि उनका दावा है कि अंकिता ने लापता होने से एक रात पहले रिसॉर्ट में अपने कमरे से अपने सेलफोन पर उनसे बात की थी।

पुलिस को एक कॉल रिकॉर्डिंग मिली है, जो शायद अंकिता की हत्या के कुछ घंटों की, जिसमें वह रिसोर्ट के एक कर्मचारी से बात करते हुए रोती हुई सुनाई दे रही है। पुलिस के पास एक सहकर्मी के साथ अंकिता की व्हाट्सएप चैट भी है, जिसमें उसने स्पष्ट रूप से कहा है कि पुलकित ने उसे जबरन किस करने की कोशिश की, जिस पर उसने उसे फटकार लगाई।

मामले में कई दिनों तक पुलिस ने कुछ नहीं किया। ऋषिकेश में स्थानीय मीडिया रिपोर्ट किए जाने के बाद 22 सिंतबर को मामला राजस्व पुलिस से लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को हस्तांतरित किया गया। मृतका के माता-पिता ने भी राजस्व पुलिस पर दबाव बनाया, यहां तक ​​कि विधायक रेणु बिष्ट के साथ थाने तक मार्च करते हुए आरोप लगाया कि अंकिता की हत्या की गई है।

पुलिस पूछताछ में पता चला कि पुलकित आर्य ने दोस्त अंकित गुप्ता और रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर के साथ मिलकर 18 सितंबर को अंकिता को बातचीत के लिए बाहर ले जाने का फैसला किया, ताकि उस विवाद को सुलझाया जा सके। पुलिस ने कहा कि इसके बाद वे अलग-अलग बाइक से ऋषिकेश के लिए रवाना हुए। अंकिता पुलकित के पीछे बैठी थी। पुलकित एक सुनसान अंधेरे कोने में रुक गया, जहां उसने अंकित गुप्ता के साथ शराब पी और मोमोज खाया।

पुलिस के सामने सौरभ भास्कर ने बताया कि पुलकित आर्य और अंकिता भंडारी में बहस होने लगी। वह नाराज थी। वो अंकिता से कुछ और मांग कर रहा था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कुछ मिनटों के बाद दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। नाराज अंकिता ने आर्य का फोन नदी में फेंक दिया। इसके बाद गुस्से में आकर पुलकित ने उसे नदी में धकेल दिया। पुलकित ने कबूल किया कि इसके तुरंत बाद वो मौके से फरार हो गया।

इस बीच जैसे ही अंकिता की हत्या की खबर इलाके में फैली, स्थानीय लोगों ने आर्य के रिसॉर्ट के साथ-साथ शक्ति बैराज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। जिसके के बाद अंकिता की तलाश की गई, लेकिन प्रशासन को सफलता नहीं मिली। इस घटना के बाद स्थानीय निवासी बहुत गुस्से में हैं। उनका कहना है कि रिसॉर्ट को बुलडोजर से गिरा दिया जाना चाहिए।

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