क्वारंटीन सेंटर चेतक-1 एलं चेतक-2 में पशुपालन विभाग द्वारा घोड़े-खच्चरों की होगी पूरी देखभाल
रुद्रप्रयाग: श्रीकेदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़ा-खच्चर अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से इनमें इक्वाइन इंफ्लुएंजा के लक्षण दिखाई देने एवं कुछ पशुओं की मृत्यु होने के पश्चात जिला प्रशासन ने तत्काल कार्यवाही करते हुए अनेक कदम उठाए। प्रशासन ने पिछले 48 घंटे से श्रीकेदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगाई है जो फिलहाल जारी है। 18 चिकित्सकों की टीम के साथ साथ पंतनगर विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान हिसार के विशेषज्ञ चिकित्सक लगातार सैंपलिंग एवं परीक्षण कर रहे हैं।
इसी क्रम में घोड़े-खच्चर मालिकों को तात्कालिक राहत देने के लिए जिला प्रशासन ने एक और कदम उठाया है। जिला प्रशासन ने दो क्वारंटीन सेंटर, चेतक-1 एवं चेतक-2 बनाए हैं एवं घोड़े खच्चरों के मालिकों से अपील की है कि वे अपने बीमार घोड़े-खच्चरों को इन सेंटरों में रखें। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष रावत ने बताया कि क्वारंटीन सेंटरों में बीमार घोड़े-खच्चरों टीक होने तक खाने के चारे से लेकर सभी तरह की देखभाल पशुपालन विभाग द्वारा की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिन पशुपालकों के घोड़े-खच्चर बीमार हैं, वे इक्वाइन इंफ्लुएंजा बीमारी का प्रमाणपत्र पशुपालन विभाग को दिखाकर पचास प्रतिशत सब्सिडी पर पर चारा क्रय कर सकते हैं।
डॉ. आशीष रावत ने बताया कि प्रशासन घोड़े-खच्चरों में फैली बीमारी पर नियंत्रण के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है और इस दौरान पशुपालकों के लिए दवाइयां एवं रियायती दर पर चारा भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कहा कि इस संकट की घड़ी में धैर्य बनाकर रखें एवं प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन करते रहें।
घोड़े-खच्चरों में फैले संक्रमण के बीच स्थानीय निवासियों एवं पशुपालकों ने भी घोड़े-खच्चरों की व्यापक स्तर पर जांच एवं ईलाज की मांग की है। प्रधान संगठन उखीमठ के अध्यक्ष सुभाष रावत ने जिला प्रशासन को पत्र प्रेक्षित कर कहा कि यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के आवागमन पर रोक 3-4 दिन और जारी रहनी चाहिए जिससे सभी घोड़े-खच्चरों की जांच कर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके।
सुभाष रावत समेत अवतार नेगी, संदीप पुष्पवाण एवं सुरेंद्र रावत समेत अनेक स्थानीय निवासियों ने त्वरित कार्यवाही के लिए पशुपालन विभाग का धन्यवाद किया एवं कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन एवं पशुपालक एक साथ मिलकर खड़े हैं तथा समन्वित प्रयासों से बीमारी पर जल्द नियंत्रण कर लिया जाएगा।