भूकंप के तेज झटके से चीन में तबाही, 111 की मौत

उदय दिनमान डेस्कः उत्तर पश्चिमी चीन के गांसु और किंघई प्रांतों में 6.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भूकंप से मारे जाने वालों का आंकड़ा 111 के पार पहुंच गया है.

रिपोर्ट की मानें तो तेज भूकंप की झटके की वजह से गांसु और किंघई प्रांत में 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. शिन्हुआ के मुताबिक पड़ोसी प्रांत किंघई के हैदोंग शहर में भी नौ लोग मारे गए और 124 घायल हो गए. चीन की सरकारी न्यूज मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भूकंप के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं. राष्ट्रपति की निर्देशानुसार, बड़े पैमाने पर खोज और बचाव कार्य समेत प्रभावित लोगों के उचित पुनर्वास और लोगों को सुरक्षित बचाने सबसे ज्यादा जरूरी है.

शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तेज झटके की वजह से कई घर ढह गए हैं. इसके अलावा कई घरों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है. भूकंप के झटके महसूस करने के तुरंत बाद लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए और सड़कों पर भागने लगे. चीन के गांसु और किंघई प्रांत में सोमवार को आए तेज भूकंप की झटके के बाद बचाव कार्य तड़के मंगलवार (19 दिसंबर) तक चलता रहा.

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण द्वारा भूकंप की तीव्रता 5.9 और शिन्हुआ द्वारा 6.2 तीव्रता मापी गई. किंघई प्रांत की सीमा के पास गांसु प्रांत में स्थित हैरिपोर्ट ने जानकारी दी कि भूकंप की वजह से कुछ स्थानीय गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में गिरी हुई छतें और अन्य मलबा देखा जा सकता है.

USGS के अनुसार भूकंप सोमवार को स्थानीय समयानुसार रात 11:59 बजे 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जिसने शुरुआत में 6.2 तीव्रता के झटके दर्ज किए गए. शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने भूकंप के तुरंत बाद आपातकालीन प्रतिक्रिया शुरू की और बचाव कर्मियों को भूकंप प्रभावित क्षेत्र में भेजा. USGS की रिपोर्ट के मुताबिक भूकंप के झटके गांसु प्रांत की राजधानी लान्झू से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में महसूस किए गए. इसके बाद कई छोटे झटके आए.

चीन में भूकंप असामान्य नहीं हैं. इससे पहले अगस्त में पूर्वी चीन में 5.4 तीव्रता का हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. जिसमें जिसमें 23 लोग घायल हो गए थे और दर्जनों इमारतें ढह गईं थी.

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