नई दिल्ली: किसी सूनसान जगह पर अगर किसी इंसान को अकेले रहने के लिए छोड़ दिया जाए तो वह कुछ ही समय में वहां से ऊब जाएगा और वहां से अलग जाने की कोशिश करेगा। लेकिन एक ऐसा शख्स भी है जिसने एक आइलैंड पर अकेले तीस साल से ज्यादा समय गुजार दिए। इटली के माउरो मोरांडी हाल ही में 32 साल बाद एक सूनसान आइलैंड से लौटे हैं और अब वो लोगों के बीच शहर में रहने लगे हैं।
दरअसल, इस शख्स का नाम माउरो मोरांडी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, माउरो एक इटालियन टीचर थे। उनके आइलैंड पहुंचने और वहां से वापस ना लौटने की कहानी भी जबरदस्त है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, माउरो मोरांडी बुडेली स्थित आइलैंड पर साल 1989 में अकेले आए हुए थे। वे दक्षिण प्रशांत के रास्ते वहां गए थे, जैसे ही वे वहां पहुंचे उनकी नाव टूट गई थी और उन्होंने द्वीप पर ही रहने का फैसला किया था।
तभी से ही उन्हें वो जगह काफी अच्छी लगने लगी। माउरो जहां रुके वो इटली के पास ही बुडेली का सार्डिनियन आइलैंड था जहां कोई नहीं रहता था। माउरो ने यह भी पाया कि द्वीप का एकमात्र केयरटेकर सेवानिवृत्ति के करीब था और उसने जगह का प्रभार लेने का फैसला किया। माउरो को वो शांत और अकेली जगह इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने वहीं जीवन बिताने का फैसला कर लिया।
मायरो ने लंबे समय तक वहां सुकून की जिंदगी बिताई। करीब 32 साल आइलैंड पर गुजारने के बाद 80 साल की उम्र में माउरो ने लोगों के बीच आने का फैसला किया। पिछले काफी वक्त से इटली की सरकार सार्डिनियन आइलैंड को पर्यावरण से जुड़ी सैंक्चुरी बनाना चाही थी। इसी दौरान माउरो ने भी घोषणा कर दी को वो यहां और नहीं रहेंगे और शहर लौट आएंगे।
कई रिपोर्ट्स में इस बात का भी जिक्र है कि उन्हें द्वीप छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है। मोरांडी 2016 में एक कानूनी लड़ाई में शामिल थे, जहां अदालत ने फैसला सुनाया कि यह द्वीप वास्तव में ला मैडलडेना द्वीपसमूह नेशनल पार्क का है। इसके बाद उन्होंने उस जगह को छोड़ दिया और शहर में रहना शुरू कर दिया है।