हर हर महादेव से गूंजे शिवालय

हल्द्वानी : भगवान शिव की आराधना का विशेष माह श्रावण का आखिरी सोमवार 16 अगस्त यानी आज है। श्रावण यानी सावन का महीना 25 जुलाई से आरंभ हुआ था और यह 22 अगस्त को समाप्त होगा। वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है। सावन को चातुर्मास का पहला माह माना जाता है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है।

आखिरी सोमवार को महादेव की आराधना के लिए शिवालयों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि श्रावण के आखिरी सोमवार के दिन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन चंद्रमा वृश्चिक राशि में रहेगा। पूरे दिन अनुराधा नक्षत्र रहेगा। मान्यता है कि श्रावण के सोमवार के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

चंद्रमास पंचांग के अनुसार सावन का महीना रविवार, 22 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इस दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि और धनिष्ठा नक्षत्र है। रविवार को शोभन योग बना हुआ है। वहीं, उत्तराखंड में माने जाने वाले सौरमास पंचांग के अनुसार श्रावण का महीना 16 अगस्त को समाप्त हो रहा है। दोनों की पंचांगों के अनुसार 16 अगस्त ही श्रावण का आखिरी सोमवार है। सावन यानी श्रावण मास के बाद भाद्रपद का महीना आरंभ होगा।

ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक सौरमास सूर्य की संक्रांति से शुरू होता है। यानी सूर्य के एक राशि से दूसरे में प्रवेश करने की प्रक्रिया संक्रांति कहलाती है। 12 राशियों को बारह सौरमास माना गया है। वहीं, चंद्रमास चंद्रमा की घट-बढ़ वाले दो पक्षों यानी कृष्ण व शुक्ल पक्ष को एक मास कहा जाता है।

यह कृष्ण प्रतिपदा से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलता है। पूणिर्मा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उसी के आधार पर महीने का नामकरण हुआ है। मेघ, वृषभ, मिथुन सौर माह हैं, जबकि चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ चंद्रमास के नाम हैं।

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