ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के काम ने पकड़ी रफ्तार

ऋषिकेश। भारतीय रेलवे की सबसे चुनौतीपूर्ण ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को भी कोरोना काल में बड़ा झटका लगा था। मगर, अब परियोजना के काम में तेजी आने लगी है। रेल विकास निगम की मानें तो वर्तमान में परियोजना पर कार्यरत अस्सी प्रतिशत से अधिक श्रमिक व कर्मचारी काम पर लौट चुके हैं।

कोरोना महामारी ने तमाम विकास परियोजनाओं को भी प्रभावित करने का काम किया। 22 मार्च को जनता कर्फ्य के साथ ही प्रदेश में लागू हुए लॉकडाउन के कारण 16216 करोड़ की लागत वाली 125 किमी लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना का काम भी ठप हो गया था। परियोजना में काम करने वाले अधिकांश श्रमिक अपने प्रदेशों को लौट गए थे। हालांकि, कोरोना संक्रमण के बीच लॉकडाउन के बाद 20 अप्रैल से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण के लिए शासन स्तर पर मंजूरी दे दी गई थी। मगर, कोरोना काल में यहां से जा चुके श्रमिक वापस नहीं लौट पाए।

मौजूदा श्रमिकों के बूते रेल विकास निगम ने काम शुरू तो किया, पर उसमें तेजी नहीं आ रही थी। अब धीरे-धीरे देशभर में यातायात खोल दिया गया है और आवागमन की प्रक्रिया में भी ढील दे दी गई है। जिससे परियोजना से जुड़े श्रमिक अब वापस लौटने लगे हैं।

विगत दिनों ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के शिवपुरी व व्यासी कार्यस्थल में भी कोरोना संक्रमण फैल गया था। जिससे श्रमिक व कर्मचारी संक्रमित हो गए थे। इसका असर परियोजना के काम पर भी पड़ा। मगर, अब एक बार फिर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के काम ने गति पकड़ ली है। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि अब तक लगभग 80 प्रतिशत श्रमिक काम पर लौट चुके हैं और परियोजना के काम में तेजी आई है।

बताया कि कोरोना काल में करीब तीन महीने परियोजना का काम बेहद धीमा रहा। बावजूद इसके परियोजना पर बनने वाली पांच एडिट टनल में से तीन का काम इसी बीच पूरा हुआ है। अब कई जगह मेन टनल बोरिंग का काम भी तेजी से चल रहा है। बताया कि कुछ मशीनें विदेश से यहां पहुंचनी हैं, लेकिन महामारी के कारण इसमें विलंब हो रहा है।

हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजन की प्रगति को लेकर रेल विकास निगम व शासन के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि परियोजना से जुड़े कार्य को प्राथमिकता के साथ निस्तारित किया जाए। इसके बाद परियोजना के निर्माण में खनन व ब्लास्टिंग से जुड़े कई अहम बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई भी की गई।

सरकार व शासन के इस सहयोग से रेल विकास निगम के अधिकारियों में उत्साह है। परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने परियोजना पर काम कर रहे कांट्रेक्‍टर को भी उनकी समस्याओं के शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया है।

नागरिकों की ओर से विभिन्न स्थानों पर किए जा रहे धरना-प्रदर्शनों से परियोजना के काम में कोई बाधा न पहुंचे, इसके लिए सरकार ने परियोजना क्षेत्र में धारा-144 लगाने के आदेश दिए हैं। परियोजना प्रबंधक मालगुड़ी ने बताया कि कुछ स्थानों पर नागरिक गैर जरूरी मांगों को लेकर कार्य में हस्तक्षेप कर रहे थे, जिससे निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही थी।

अब शासन के निर्देश पर टिहरी जिले की सीमा में परियोजना के सभी कार्य स्थलों पर धारा-144 लगाई गई है। अन्य जिलों में भी इस तरह की स्थिति बनने पर धारा-144 लागू की जाएगी। बताया कि नागरिकों की सभी जरूरी मांगों को सुना जा रहा है और निस्तारित भी किया जा रहा है।

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