फेफड़ों और गले को हेल्दी रखने के लिए रोजाना बजाएं शंख

उदय दिनमान डेस्कः मंदिर में पूजा के दौरान शंख की ध्वनि तो आपने जरूर सुनी होगी लेकिन क्या आप इसके फायदों से वाकिफ हैं? शंख बजाने से जहां-जहां तक इसकी ध्वनि जाती है सिर्फ वहीं तक का वातावरण शुद्ध नहीं होता बल्कि आपके शरीर के भी कई रोग-दोष समाप्त होते हैं।

शंख दरअसल समुद्री घोंघे का कवच होता है। जो कैल्शियम कार्बोनेट से निर्मित होता है। जो धीरे-धीरे घोंघे के शरीर पर बनता है। प्रोटीन ओर मिनरल्स के स्त्राव से यह कवच बनता है। बजाने वाले शंख से घोंघे को निकाल दिया जाता है और उसके कवच के ऊपरी हिस्से पर छेद किया जाता है। इसी में हवा फूंकने से शंख से ध्वनि निकली है।

अगर आपने शंख बजाया होगा तो महसूस किया होगा कि इससे बॉडी पर जोर लगता है। तो यही प्रेशर बॉडी को अलग-अलग तरीकों से फायदा पहुंचाता है। अथर्ववेद के चतुर्थ काडं के 10वें सूत यानि शंखमणि सूत में शंख के महत्व व फायदे का वर्णन किया गया है।

शड्ःखेनामीवाममर्ति शड्खेनोत सदान्वाः ।

शड्.खो नो विश्वभेषजः कृशनः पात्वंहसः ।।

अर्थात् शंख के द्वारा हम समस्त रोगों तथा विवेकहीनता को दूर करते हैं। इसके द्वारा हम सदैव पीड़ा देने वाली अलक्ष्मी को भी तिरस्कृत करते हैं। विघ्नों को दूर करने वाला यह तेजस्वी शंख पापों से हमारी सुरक्षा करे।

– शंख नाद से फेफडे मजबूत होते हैं क्योंकि इसे बजाते वक्त शरीर पर अतिरिक्त जोर लगता है।

– रोजाना शंख फूंकने वालों को गले और फेफडे को रोग नहीं होते हैं।

– शंख बजाने से पूरी बॉडी में वायु का प्रवाह अच्छे से होता है जिससे शरीर निरोगी रहता है।

– पेट में दर्द रहता है, आंतों में सूजन हो, अल्सर हो या फिर घाव तो शंख में रातभर पानी भरकर रख दें और सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पिएं।

– शंख बजाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

अगर आपको हार्निया, हाई ब्लड प्रेशर और ग्लूकोमा की शिकायत है तो शंख न बजाएं या फिर एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

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