उत्तराखंड: 70 प्रतिशत मतदाता युवा

देहरादून। प्रदेश में युवा मतदाताओं की संख्या 70 प्रतिशत से अधिक है। इसमें भी आयु वर्ग की बात बात की जाए तो 30 से 39 वर्ष की उम्र के मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक 27 प्रतिशत से अधिक है। यह ऐसी उम्र है, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपने और अपने देश के भविष्य को लेकर आसानी से निर्णय कर सकता है।

शनिवार को लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने के बाद उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने मतदाताओं के आयु वर्गवार भी आंकड़े जारी किए। इनके विश्लेषण से तस्वीर साफ हो जाती है कि चुनाव परिणाम को तय करने में कौन सा वर्ग निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

आंकड़ों के अनुसार वर्ष 18-19 से लेकर 40 से 49 वर्ष के आयु वर्ग में मतदातों की संख्या सर्वाधिक है। वहीं, 60 से 80 व इससे अधिक वर्ष के मतदाताओं की संख्या सबसे कम करीब 16 प्रतिशत के बीच है। मतदाताओं का जो वर्ग वरिष्ठ नागरिक होने के करीब (50 से 59 वर्ष) है, उसका आंकड़ा 15 प्रतिशत के करीब है।

पहले वोट का अहसास ही कुछ अलग होता है। जब कोई नवयुवा 18 वर्ष की उम्र पर पहुंचता है तो वह न सिर्फ बालिग कहलाता है, बल्कि उसके कानूनी अधिकार भी बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही जब ऐसे युवाओं को मताधिकार का अधिकार प्राप्त होता है तो उसके हाथ मे देश का भविष्य तय करने का अधिकार और इस जिम्मेदारी को पूरा करने का दायित्व भी आ जाता है।

इस लोकसभा चुनाव में 18-19 वर्ष की उम्र के 1.45 लाख से अधिक ऐसे मतदाता भी तैयार हैं, जो देश के भविष्य के लिए मतदान का दायित्व पूरा करेंगे। लोकसभा सीटवार नवयुवा मतदातों की बात करें तो यह संख्या सर्वाधिक हरिद्वार में है। वहीं, सबसे कम नवयुवा मतदाता अल्मोड़ा सीट पर हैं।

 

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