उत्तराखंडः कोहरा और पाला बढ़ाएगा परेशानी

देहरादून : लंबे समय से उत्‍तराखंड में मौसम शुष्‍क बना हुआ है। सुबह और शाम को ठंड पड़ रही है, लेकिन दिन में खिल रही चटख धूप राहत दे रही है।

इसी क्रम में अब अगले दो से तीन दिन पहाड़ों पर पाला और मैदानी क्षेत्रों में कोहरा छाने की संभावना है। जिस कारण पहाड़ी इलाकों में सफर करने वालों के लिए चेतावनी जारी की गई है। क्‍योंकि पाले की वजह से सड़क पर फ‍िसलन रहती है, जिससे दुर्घटना होने का खतरा रहता है।

वहीं मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में वर्षा के आसार नजर नहीं आ रहे। लिहाजा, अभी अगले कुछ दिन तक प्रदेश में मौसम शुष्क ही रहने का अनुमान है।

पहाड़ से लेकर मैदान तक तापमान सामान्य से एक-दो डिग्री सेल्सियस अधिक रह सकता है। मैदानी इलाकों में हल्का कुहासा छाने के भी आसार हैं और पहाड़ों पर पाला पड़ने की संभावना है।

दुनियाभर में गहराते ग्लोबल वार्मिंग के खतरे के बीच उत्तराखंड में भी मौसम के मिजाज में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। इस वर्ष प्रदेश में नवंबर में सामान्य से बेहद कम वर्षा होने के कारण ज्यादातर दिन शुष्क रहे और तापमान भी सामान्य से अधिक बना रहा।

इसके चलते ठंड भी सामान्य से कम महसूस की गई। बीते वर्षों से तुलना करें तो पिछले 10 साल में यह नवंबर सबसे कम ठंडा रहा। हालांकि, मौसम विभाग ने दिसंबर में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना जताई है।

उत्तराखंड में आमतौर पर नवंबर में औसतन 100 मिमी वर्षा होती है, मगर इस वर्ष 35 मिमी वर्षा ही दर्ज की गई। यानी मेघ सामान्य से 65 प्रतिशत कम बरसे। चिंताजनक यह भी है कि प्रदेश में पिछले तीन सप्ताह से वर्षा नहीं हुई है। यही वजह है कि मौसम शुष्क बना हुआ है। उस पर चटख धूप पारे में इजाफा कर रही है।

पूरे माह राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया तो न्यूनतम तापमान भी सामान्य से एक से दो डिग्री सेल्सियस ऊपर बना रहा। इससे पहाड़ से लेकर मैदान तक ठंड सामान्य से कम रही।

इससे पूर्व वर्ष 2012 में भी इसी प्रकार की स्थिति बनी थी। हालांकि, इसके बाद बीते नौ वर्षों में नवंबर में कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड महसूस की गई और तापमान भी सामान्य या उससे नीचे रहा।

जबकि, चालू वर्ष में नवंबर के अंतिम 10 दिन देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस अधिक था, जिसे सामान्य नहीं माना जा सकता। उधर, रुड़की और ऊधमसिंह नगर में अब तक कोहरे का खास असर नहीं दिखा है।

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