90 लाख लोग विकट भुखमरी की कगार पर

काबुल : संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की रिपोर्ट के अनुसार अभूतपूर्व आर्थिक और मानवीय संकट के बीच अफगानिस्तान (Afghanistan) में लगभग नौ मिलियन लोग जबर्दस्त भुखमरी (Starvation) का सामना करने की कगार पर हैं. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक डेविड ब्यासले ने चेतावनी दी कि अगर तुरंत फंडिंग प्राप्त नहीं मिली, तो अफगानिस्तान में भुखमरी सबसे कठिन चुनौती साबित हो सकती है.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान की लगभग आधी आबादी गरीबी रेखा (Poverty Line) से नीचे रहती है. सशस्त्र संघर्ष और असुरक्षा से पूरे के पूरे समुदाय आजीविका के अवसरों से कट रहे हैं, जिससे खाद्य असुरक्षा बढ़ रही है. अफ़गानिस्तान के मानवीय और आर्थिक संकट (Economic Crisis) से महिलाएं और लड़कियां सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं. उनकी शिक्षा और रोजगार के मौलिक अधिकारों पर लैंगिक प्रतिबंधों ने उनकी स्थिति शोचनीय कर दी है.

डेविड ब्यासले ने ट्विटर पर लिखा कि अभूतपूर्व संकट की इस घड़ी में दुनिया अफगान लोगों से मुंह नहीं मोड़ सकती है. दानकर्ता देशों और सहायता संगठनों को इन कठिन समय के दौरान अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने के लिए उदारता से योगदान देना चाहिए.

दशकों के दीर्घकालिक संघर्षों के दुष्परिणामों के बीच बदलती जलवायु, लैंगिक असमानताओं, तेजी से शहरीकरण, बेरोजगारी और युद्धग्रस्त हालातों ने अफगानिस्तान में स्थितियां और जटिल बना दी हैं. अफगानिस्तान में हालिया तालिबान सरकार का आना भुखमरी के खात्मे और बेहतर पोषण प्राप्त करने के प्रयासों में समक्ष काफी चुनौतियां पेश की हैं.

संयुक्त राष्ट्र की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार दस में से नौ अफगान पर्याप्त भोजन नहीं करते हैं और लगभग दो-तिहाई आबादी या 28.3 मिलियन लोगों को 2023 में मानवीय सहायता की जबर्दस्त जरूरत का अनुमान लगाया गया है. पिछले वर्ष की तुलना में यह आंकड़ा लगभग चार मिलियन अधिक है.

गौरतलब है कि अगस्त 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से गंभीर आर्थिक संकट के बाद, सूखे और बाढ़ से आम लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं. परिवार जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि उनके पास मानवीय सहायता पर निर्भर रहने के अलावा आय का कोई अन्य साधन नहीं है.

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