देहरादून: राष्ट्रपति मुर्मू ने उत्तराखंड के राज्यपाल सिंह और सीएम धामी की उपस्थिति में प्रेसिडेंशियल रिट्रीट का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति निकेतन 1 जुलाई से आम जनता के लिए खुल जाएगा।राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने राजधानी में राष्ट्रपति निकेतन और राष्ट्रपति तपोवन का उद्घाटन किया। साथ ही राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला रखी।
शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति तपोवन और राष्ट्रपति निकेतन के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। उन्होंने आगंतुक सुविधा केंद्र, कैफेटेरिया और स्मारिका शॉप सहित सार्वजनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया और राष्ट्रपति निकेतन में राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला रखीं।उन्होंने राष्ट्रपति निकेतन, तपोवन व उद्यान की जैव विविधता पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक में तीनों की 300 से अधिक वनस्पतियों और 170 से अधिक जीवों की प्रजातियों का विवरण है, जिनमें तितलियां, पक्षी और स्तनधारी शामिल हैं।
राष्ट्रपति तपोवन : हिमालय की तलहटी के 19 एकड़ में विस्तारित राष्ट्रपति भू-सम्पदा का एक हिस्सा है। यहां देशी वनस्पतियों से समृद्ध एक घने जंगल, तपोवन में 117 पौधों की प्रजातियां, 52 तितलियां, 41 पक्षी प्रजातियां और सात जंगली स्तनधारी हैं, जिनमें कुछ संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में प्राकृतिक बांस के बाग और एकांत वनस्थली है। यह आमजन के लिए 24 जून को खोल दिया जाएगा।
राष्ट्रपति निकेतन : राष्ट्रपति निकेतन की स्थापना 1976 में राष्ट्रपति निवास के रूप में की गई थी। इसकी समृद्ध विरासत 1838 से चली आ रही है, जब यह एस्टेट गवर्नर जनरल के अंगरक्षक के लिए ग्रीष्मकालीन शिविर के रूप में कार्य करता था। यह 21 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें लिली तालाब, ऐतिहासिक इमारतें, बाग और अस्तबल शामिल हैं। आमजन के लिए यह एक जुलाई से खुलेगा।
राष्ट्रपति उद्यान : 132 एकड़ में फैला राष्ट्रपति उद्यान, सार्वजनिक पार्क, सुगमता और पारिस्थितिकी उत्तरदायित्व का एक मॉडल होने के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिए सार्वजनिक उद्यान के रूप में पूरी तरह से सुलभ होगा। इसका उद्देश्य नागरिकों के बीच स्वास्थ्य, संस्कृति और नागरिक गौरव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक सहभागिता केंद्र बनना है। अगले वर्ष इसे आमजन के लिए खोला जाएगा।
इसके बाद वह राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने जन्मदिन पर दृष्टिबाधित बच्चों की सुरीली प्रस्तुति देखकर भावुक हो गईं। बच्चों ने जब गाया कि तुम जियो हजारों साल.. हैप्पी बर्थ डे टू यू तो यह सुनकर उनके आंसू छलक पड़े।