तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूल खोलने की वकालत

नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्चों पर इसका खतरा सबसे ज्यादा बताया जा रहा है और यही वजह से कि अनलॉक (Unlock) की प्रक्रिया के बाद भी स्कूलों को अभी तक नहीं खोला गया है. हालांकि एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने तीसरी लहर की आशंका के बीच भी स्कूल खोलने (Reopen Schools) की वकालत की है और इसके लिए खास रणनीति बनाने का सुझाव दिया है.

डॉ गुलेरिया ने कहा कि तमाम राज्य सरकारों को खास रणनीति पर काम करते हुए स्कूल फिर से खोलने पर विचार करना चाहिए. देश के ज्यादातर राज्यों में बीते साल मार्च में पहला लॉकडाउन लगने के बाद से ही स्कूल बंद हैं और अब इन्हें फिर से चालू करने पर काम करने की जरूरत है.कोरोना काल (Covid-19 Pandemic) में वर्चुअली क्लास चल रही हैं और छात्र अपने घर पर रहकर ही पढ़ाई कर रहे है. केंद्र सरकार ने धीरे-धीरे अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के क्रम में अक्टूबर के महीने में स्कूल खोलने की इजाजत भी दी थी,

हालांकि कई राज्यों में छात्रों के संक्रमित होने के बाद इस फैसले को वापस लिया गया और स्कूलों पर फिर से महामारी का ताला लटक गया. डॉ गुलेरिया ने कहा कि मैं स्कूलों को फिर से खोले जाने का समर्थन करता हूं लेकिन यह काम उन जिलों में शुरू किया जाए जहां कोरोना के केस काफी कम हैं. ऐसे जिले जिनमें संक्रमण की दर पांच फीसदी से भी नीचे है, वहां स्कूलों को फिर से खोला जा सकता है.

एम्स डायरेक्टर ने बच्चों में संक्रमण दर को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि देश में ऐसे बच्चों की तादाद काफी कम हैं जो वायरस की चपेट में आए हैं और ज्यादातर बच्चों की इम्युनिटी काफी मजबूत है. उन्होंने कहा कि कई बच्चों में तो वायरस से लड़ने के लिए नेचुरल इम्युनिटी भी तैयार हो चुकी है. ऐसे में जो बच्चे ऑनलाइन क्लास लेने में सक्षम नहीं हैं, उनके लिए स्कूलों को फिर से खोला जाना चाहिए.

डॉक्टर गुलेरिया ने इस बात पर भी जोर दिया कि हालात की लगातार समीक्षा की जाए और अगर संक्रमण फैसले की स्थिति बनती है तो तत्काल स्कूलों को बंद भी किया जा सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि अल्टरनेटिव तरीके से बच्चों को स्कूल भेजा जा सकता है, इसके अलावा भी कई और तरीके हैं जिनपर काम करने के बाद स्कूल फिर से खोले जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्कूलों को खोला जा सकता है. साथ ही वहां सही तरीके से वेंटीलेशन का इंतजाम करने की जरूरत होगी. बच्चों के लिए वैक्सीन पर डॉ गुलेरिया ने कहा कि इस साल सितंबर तक बच्चों का कोरोना टीका आ सकता है क्योंकि बच्चों पर कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल से जमा शुरुआती डाटा इस बात की उम्मीद पैदा करता है.

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