मृत घोषित बच्चे ने 12 घंटे बाद खोली आंखें

आगरा: आगरा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने परिवारवालों और डॉक्टर्स सभी को अचंभित कर दिया। यहां अस्पताल ने नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया। दावा है कि सीएचसी पर डॉक्टर ने जिस नवजात को मृत बताया, उसकी 12 घंटे बाद धड़कन चल रही थी। जल प्रवाह करते समय नवजात ने आंखें खोली तो परिजन उसे अस्पताल लेकर भागे।

जैतपुर सीएचसी में प्रसव के बाद नवजात को मृत बताने के बाद जल प्रवाह के दौरान शरीर में हरकत होने पर स्वजन अचरज में पड़ गए। आनन-फानन में निजी चिकित्सक के पास ले पहुंचे, लेकिन नवजात की जान नहीं बच सकी।

चित्राहाट थाने के पारना गांव निवासी चंदन सिंह की पत्नी मीरा देवी 35 को गुरुवार रात्रि 10 बजे प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी जैतपुर में भर्ती कराया गया। करीब 11 बजे महिला ने बच्चे को जन्म दिया। शिशु के पिता के मुताबिक कुछ देर बाद मौजूद स्टाफ ने बच्चे को मृत बता एंबुलेंस से घर भिजवा दिया। शुक्रवार करीब 10 बजे नवजात का जल प्रवाह यमुना में करने पहुंचे तो वह हरकत करने लगा। यह देख वे उसे घर ले आए।

परिवार वाले आनन-फानन में सिरसा गंज निजी चिकित्सक के पास ले पहुंचे। उनका कहना है कि वहां बच्चे को जिंदा बताया और कहा कि इसकी हालत गंभीर है। यहां डॉक्टरों ने बच्चे को आगरा ले जाने को कहा। इस पर स्वजन उसे आगरा ले जा रहे थे। रास्ते में उसकी सांस थम गई।

महिला के पति चंदन सिंह का आरोप है कि अगर जैतपुर में इलाज सही तरह मिल जाता तो बच्चे की जान बच सकती थी। उन्होंने तैनात स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगा कार्रवाई की मांग की है। महिला के पांच बेटी पहले से है। छठवां लड़का पैदा हुआ। वह बच नहीं सका है।

सीएचसी अधीक्षक डा विनय कुमार का कहना है कि बच्चा मृत पैदा हुआ था। सुनने में आया है कि जल प्रवाह के दौरान वह जीवित हो गया। ऐसा हो नहीं सकता है। अस्पताल प्रशासन और डॉक्टर भी इस खबर से दंग है।

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