सावधानः यह कोरोना ‘मसाण’ ले रहा है ‘जान’

कोरोनाकाल में हमारी ‘अकड़’ बदल रही ‘आकड़ों’ में

संतोष “सप्ताषू’
देहरादूनःपहाड़ की संस्कृति में मसाण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। मैं पहाड़ से हूॅ और मेरा मसाण से कई बार सामना हुआ। जब मेरा इससे सामना हुआ था तो तब यह जानलेवा नहीं डरावना होता था, लेकिन आज मसाण डरावना होने के साथ-साथ जानलेवा भी हो गया है। आपको पहले यह बता दू कि पहाड़ की संस्कृति में मसाण एक ऐसी अदृश्य शक्ति थी, जिसे देखकर पहाड़ के गांवों के आसपास और नदी-नालों, जंगलों के आसपास मसाण के होने के आभाष की काल्पनिक कथाएं हर गाव, हर बाजार और हर जंगल के आसपास होती थी। बचपन से ही इस अदृश्य शक्ति डरना हमारा भी लाजमी था। पहाड़ में प़कारिता के दौरान कई बार इसके बारे में लिखा भी और कई बार इस काल्पनिकता को महसूस करने का आभाष भी हुआ। उस समय यह अदृश्य मसाण डरावना तो था पर जानलेवा नही। वर्तमान में कोरोना मसाण डरावना तो है ही साथ में जानलेवा भी साबित हो रहा है और अभी तक कईयों की जान ले चुका है।

पहाड़ की सस्कृति में मसाण दिन और रात महसूस किया जाता था। वर्तमान समय में कोरोना भी एक ऐसा अदृश्य मसाण है जो रात और दिन दोनों समय अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। वर्तमान गूगल युग में भी चिकित्सक इस कोरोना के बारे में स्पष्ट जानकारी पता नहीं लगा पाये और आज भी जिन कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा है वह भी अंदाजे के आधार पर अर्थात कोरोना एक ऐसी अदृश्य बीमारी है जो सिर्फ अंदाजे से ही इससे लड़ा जा रहा है। ठीक वैसे जैसे हम पहाड़ की संस्कृति में रचे-बचे मसाण से लड़ते थे। मसाण का इलाज पूजा-अर्चना था और यह चला जाता था।हालांकि वर्तमान समय में चिकित्सकों ने इसे वैज्ञानिक तरीके से इसके ईलाज का तरीका निकाल लिया है लेकिन यह कारगर साबित हो रहा है यह हम कह नहीं सकते। क्योंकि जिस प्रकार से देश में कोरोना से मरने वालों की तादाज बढ़ रही है वह अपने आप में इस बात का संकेत है कि शायद कोरोना का इलाज अभी तक नहीं मिला। अभी तक कई डाक्टरों और सरकार की जो गाइडलाइन से उससे तो यही लग रहा है कि इसका कोई इलाज नहीं है। सरकार कहती है कि मुह पर मास्क लगाओ, सामाजिक दूरी का पालन करो और घरों में ही रहो। अर्थात कोरोना मसाण है और यह किसी भी पर हमला कर सकता है इसलिए इससे खुद बचो।

कोरोनाकाल में हम कोरोना के लिए सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हैं, जिस कारण देश में कोरोना संक्रमितों और मौत का आंकड़ लगातार बढ़ रहा है। कोरोना की दूसरी लहर घातक हो गई है। अब तक कई लोगों की जान भी जा चुकी है। कई संक्रमित जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। शासन से लेकर प्रशासनिक अधिकारी तक हर रोज कोविड नियमों का पालन करने की अपील कर रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग उसे नजरंदाज कर रहे हैं। तमाम लोग बगैर मास्क के ही घूम रहे हैं। मंगलवार को ज्ञानपुर के कुवरंगंज, मिश्रा मार्केट की दुकानों को देखकर ऐसा लगा कि जैसे कोरोना को लेकर लोग बेफिक्र हैं। यही हाल गोपीगंज के खरहट्टी मोहाल, सदर मोहाल, मिर्जापुर रोड, जंगीगंज बाजार में मेडिकल, किराना और कपड़े की दुकानों पर दिखा। दुकानों पर भीड़ देख ऐसा लगा कि कोरोना को लेकर किसी में कोई भय नहीं है। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी सोशल डिस्टेंस का पालन कराने को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं।

देश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा दो लाख के पार
देश में कोरोना वायरस महामारी भयावह रूप ले चुकी है. कोरोना पर वैश्विक जानकारी देने वाले वर्ल्डोमीटर ने बताया भारत में पिछले चौबीस घंटे में 3,62,902 संक्रमितों की पुष्टि हुई है. इतने ही समय में 3,285 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक देश में संक्रमितों की कुल संख्या अब 1,79,88,637 है. इनमें 2,01,165 लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में कोरोना से 1,48,07,704 लोग ठीक हो चुके हैं और 29,79,768 एक्टिव केस हैं.

लिस्ट में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित देशों में अमेरिका पहले नंबर है. इस देश में 3,28,87,430 लोगों को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. 5,86,819 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वर्ल्डोमीटर के अनुसार अमेरिका में पिछले चौबीस घंटे में 12,385 संक्रमित मिले हैं और 208 लोगों की मौत हो गई. यहां 2,54,80,092 लोग ठीक हो चुके हैं और एक्टिव केस की संख्या 68,20,519 है.इधर दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण का कहर जारी है. राष्ट्रीय राजधानी में पिछले चौबीस घंटे में कोविड-19 के 24 हजार से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है. मंगलवार (27 अप्रैल, 2021) ने दिल्ली सरकार ने हेल्थ बुलेटिन में बताया कि पिछले एक दिन में शहर में 24,149 संक्रमित मिले हैं. इतने समय में संक्रमण से 381 लोगों की मौत हुई है.

हालांकि अच्छी बात ये है कि 17,862 लोग ठीक भी हुए हैं. नए मामलों के साथ शहर में अब संक्रमितों की संख्या 10,72,065 है. इनमें 9,58,792 लोग ठीक हो चुके हैं और एक्टिव केस 98,264 हैं. संक्रमण से कुल 15009 लोगों की मौत हो चुकी है.इसी तरह महाराष्ट्र में पिछले चौबीस घंटे में कोरोना के 66 हजार से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है और करीब 900 लोगों की मौत हो गई. मंगलवार (27 अप्रैल, 2021) राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने ये जानकारी दी. इसने बताया कि सूबे में पिछले एक दिन में 66,358 संक्रमित मिले हैं और 895 लोगों की मौत हो गई.

Globally, as of 2:41pm CEST, 30 April 2021, there have been 150,110,310 confirmed cases of COVID-19, including 3,158,792 deaths, reported to WHO. As of 29 April 2021, a total of 1,011,457,859 vaccine doses have been administered.


चलिए बात करते हैं कोरोना से बचने की। सरकार की गाइडलाइन कहती है कि कोरोना वायरस बीमारी (कोविड-19) एक संक्रामक बीमारी है जो हाल ही में पता चले एक नए वायरस की वजह से होती है.कोविड-19 की चपेट में आए ज़्यादातर लोगों को हल्के से लेकर मध्यम लक्षण अनुभव होंगे और वे बिना किसी खास इलाज के बीमारी से उबर जाते हैं.
यह कैसी फैलती है
कोविड-19 बीमारी वाला वायरस उन बूंदों से फैलता है जो किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छिंकने या सांस लेने से पैदा होती हैं. ये बूंदें बहुत भारी होती हैं, इसलिए ज़्यादा देर तक हवा में नहीं रह पाती हैं और तुरंत ही फ़र्श या सतह पर गिर जाती हैं.अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के बहुत नज़दीक हैं जो कोविड-19 से पीड़ित है, तो सांस लेने पर आप भी संक्रमित हो सकते हैं. अगर आप किसी संक्रमित सतह को छूते हैं और उसके बाद आंखें, नाक या मुंह छूते हैं, तो ऐसा करने पर आप भी संक्रमित हो सकते हैं. कोविड-19 वायरस, अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है. संक्रमित हुए ज़्यादातर लोगों को थोड़े से लेकर मध्यम लक्षण तक की बीमारी होती है और वे अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाते हैं.
आम लक्षण:
बुखार
सूखी खांसी
थकान
कम पाए जाने वाले लक्ष्ण:
खुजली और दर्द
गले में खराश
दस्त
आँख आना
सरदर्द
स्वाद और गंध न पता चलना
त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना

 

(मैं पत्रकार हूॅ, इसलिए मैं मजबूर हूॅ, कोरोनाकाल में घर से बाहर निकलने को। वह इसलिए नहीं कि मुझे कवरेज के लिए शहर में जाना है। वह इसलिए कि मैं संपादकीय में वर्तमान में कार्यरत हू, इसलिए घर से आफिस तक प्रतिदिन जाना पड़ रहा है। क्योंकि सरकार और जनता के बीच की कड़ी के रूप में कार्य कर कोरोना से संबंधित अपडेट आप तक पहुंचाने में मैं सारथी का कार्य कर रहा हूॅ, पर आप मजबूर नहीं हैं फिर आप क्यों डिजिटल युग में सड़कों पर मस्ती करने के लिए उमड़ रहे हैं। आपकी यही अकड़ कोरोनाकाल में आकड़ों को बढ़ा रही है। सिर्फ आकड़ों को ही नहीं आपकी जिंदगी को भी लील रही है। इसलिए आपसे अभी भी सावधान रहने की अपील करता हूॅ, सावधान रहे, खुद सुरक्षित रहे, दूसरों को भी सुरक्षित रखने के साथ अपने परिवार का ख्याल रखे।)

 

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