गुरु भक्ति में रंगी संगत

देहरादून :  गुरु भक्ति में रंगी संगतों की भीड़, ढोल की थाप पर नृत्य करते श्रद्धालु, दुकानों में खरीदारी, झंडेजी पर माथा टेकती संगत, गुरु महाराज के जयकारे व भजनों का गुणगान कर गिलाफ सिलवाई करती महिलाएं। ऐतिहासिक झंडा मेला शुरू होने से पूर्व शुक्रवार को श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में यह नजारा देखने को मिला। इस दौरान दरबार साहिब के सज्जादा गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने संगत को दर्शन व आशीर्वाद दिए।

तकरीबन तीन हफ्ते तक चलने वाला झंडा मेला कल रविवार को झंडेजी के आरोहण के साथ शुरू हो जाएगा। इसके लिए तैयारी जोरों पर हैं। दरबार साहिब पर साजो सज्जा की गई है। वहीं मेले में शामिल होने के लिए देश विदेश से आने वाली संगत का क्रम जारी है।

सज्जादा गद्दी नशीन देवेन्द्र दास महाराज ने दरबार साहिब परिसर में संगत का स्वागत करते हुए श्री गुरु राम राय महाराज के जीवन से जुड़े स्मरण साझा करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। कहा कि जो व्यक्ति गुरु के बताए रास्ते पर चलता है, उसे जीवन में हर लक्ष्य की प्राप्ति होती है। वहीं श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ब्लड बैंक व श्री महाकाल सेवा समिति की ओर से श्री दरबार साहिब में आज शनिवार को स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया जाएगा।

झंडा मेले के लिए दरबार साहिब परिसर में दुकाने सजनी शुरू हो चुकी हैं। खाने पीने से लेकर दैनिक उपयोग की वस्तुओं से दुकानों को सजाने का कार्य किया जा रहा है। परिसर में तकरीबन 200 दुकानें लगाई गई हैं।

दरबार साहिब के सज्जादा गद्दी नशीन देवेन्द्र दास महाराज ने अपने संदेश में मेले को देश की विरासत व धरोहर बताया। कहा कि मेलों में देश विदेश के लोग एकजुट होकर अपनी कला, संस्कृति व संस्कारों का आदान प्रदान करते हैं। मेले आपसी सद्भाव व भाईचारे को बढ़ाने का काम करते हैं।

श्री दरबार साहिब मेला समिति की ओर से दरबार साहिब परिसर में श्रद्धालुओं के लिए झंडेजी के आरोहण के लिए विभिन्न जगहों पर एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा इस पल को लोग दरबार साहिब के फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी देख पाएंगे।

दरबार साहिब परिसर में सुबह से ही महिलाएं गिलाफ सिलाई में जुटी रहीं। श्री गुरु राम राय महाराज के जयकारों व भजनों के साथ गिलाफ सिलने का काम देर शाम तक लगभग पूरा कर लिया गया।

झंडेजी में तीन तरह के गिलाफ के आवरण में सबसे भीतर 41 सादे गिलाफ, मध्य भाग में 21 शनील के गिलाफ जबकि सबसे बाहरी भाग में एक दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है। इस वर्ष संसार सिंह पुत्र फतेह सिंह ग्राम- शेखपुर बाग, जारला, जिला नवाशहर, पंजाब के परिवार को दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

श्री गुरु राम राय महाराज सिखों के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनका जन्म होली के पांचवे दिन वर्ष 1646 को पंजाब के जिला होशियारपुर (अब रोपड़) के कीरतपुर में हुआ था। झंडा मेला का इतिहास देहरादून के अस्तित्व से जुड़ा है। श्री गुरु राम राय महाराज का यहां आगमन यहां वर्ष 1676 में हुआ था।

उन्होंने यहां की रमणीयता से मुग्ध होकर ऊंची-नीची पहाड़ी धरती पर जो डेरा बनाया, उसी के अपभ्रंश स्वरूप इस जगह का नाम डेरादीन से डेरादून और फिर देहरादून हो गया। उन्होंने इस धरती को अपनी कर्मस्थली बनाया।

दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए एक विशाल झंडा देहरादून के मध्य स्थान में (बीच में) लगाकर लोगों को इसी ध्वज से आशीर्वाद प्राप्त करने का संदेश दिया। इसी के साथ झंडेजी साहिब के दर्शन की परंपरा शुरू हो गई। श्री गुरु राम राय महाराज को देहरादून का संस्थापक कहा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *