अंधेरे में डूबे शहर और गांव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजलीकर्मियों की हड़ताल से जनजीवन बेहाल है। आज रविवार को हड़ताल का तीसरा दिन है। नोएडा से लेकर बलिया तक हाहाकार मचा है। शहर की कई कॉलोनियों में कई घंटे बिजली नहीं आई तो ग्रामीण इलाकों में देर रात सप्लाई नहीं होने से जलसंकट भी रहा। कुछ इलाकों में तो लो-वोल्टेज की दिक्कत रही। कहीं फॉल्ट की समस्या हुई। इस कारण घरों में पानी के मोटर तक नहीं चले। राजधानी लखनऊ से लेकर दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में भी लोग परेशान ही रहे।

लखनऊ में लोग दिनभर परेशान रहे। फॉल्ट की समस्या दूर नहीं हुई और लोग उपकेंद्रों के चक्कर लगाते रहे। गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी ने बताया कि कल दिन में 10 बजे लाइट गई थी तो शाम में पांच बजे आई। उसके बाद भी लाइट आती जाती रही। रात में पता नहीं। लेकिन सुबह पानी नहीं आया क्योंकि लाइट नहीं रहने की वजह से पानी टंकी में चढ़ नहीं पाया।

प्रयागराज में आधा शहर अंधेरे में डूबा रहा। शहर के कई इलाकों में बिजली सप्लाई बंद रही। ग्रामीण इलाकों में 40% उपकेंद्र ठप रहे। करेली में परेशान लोगों ने चक्का जाम भी किया। कुशीनगर में एक्सईएन समेत तीन पर केस हुआ है। बिजली सप्लाई बेपटरी होने पर जिला प्रशासन ने एक्सईएन ट्रांसमिशन देवेंद्र सिंह, तकनीकी कर्मचारी जयनारायण यादव और एसएसओ सुधीर गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

वाराणसी में तीन गुने दाम पर पीने का पानी मिला। शहर भी अंधेरे में डूबा रहा। बिजली न आने से पानी की सप्लाई भी नहीं हुई। कई कॉलोनियों में लोगों ने चंदा जुटाकर जेनरेटर मंगवाया और सबमर्सिबल से पानी की टंकियां भरीं। वहीं, पानी के 20 रुपये के केन के लिए 60 रुपये की वसूली शुरू हो गई है।

सीतापुर में बंद रहे 42 उपकेंद्र। इस वजह से पांच लाख लोगों को बिजली संकट झेलना पड़ा। कई इलाकों में नगर पालिका के टैंकरों से पानी की सप्लाई की गई। वहीं बहराइच में अंधेरे में डूबे सैकड़ों गांव। शहरी क्षेत्र में घंटों बिजली संकट रहा। सैकड़ों गांवों में दूसरे दिन भी बिजली नहीं आई।

लखीमपुर खीरी में नहीं बने फॉल्ट। मितौली, मोहम्मदी, गोला, निघासन समेत सभी डिवीजन में बिजली सप्लाई बाधित रही। हड़ताल के बीच फॉल्ट भी दूर नहीं हुए। अयोध्या में 5 फीडर बंद हुए। शहरी इलाके में पांच फीडर और ग्रामीण क्षेत्रों के तकरीबन सभी फीडर बंद रहे। शहरी क्षेत्र में जलसंकट भी रहा।

गोरखपुर में 40 घंटे से सप्लाई ठप रही। 650 गांवों में 36 घंटे और 150 गांवों में 40 घंटे बिजली गुल रही। कैंपियरगंज और पीपीगंज में उपकेंद्र के ताले तोड़कर 24 घंटे बाद सप्लाई शुरू करवाई गई। गोंडा में 38 में 25 उपकेंद्र बंद हुए। हड़ताल के कारण 38 में 25 उपकेंद्रों से सप्लाई बंद है। बाकी उपकेंद्र आंशिक रूप से चालू हैं।

यूपी जल संस्थान कर्मचारी महासंघ, कर्मचारी शिक्षक समन्यवय, समिति, अटेवा, बाल विकास सुपरवाइजर संघ व पेंशनर्स संगठन ने भी बिजलीकर्मियों के आंदोलन के समर्थन का ऐलान किया है। जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि बिजलीकर्मियों के आंदोलन से दूसरे संगठनों को भी बल मिलेगा।

बिजलीकर्मियों की हड़ताल के दौरान पावर ऑफिसर असोसिएशन से जुड़े इंजिनियरों ने रोजाना दो घंटे अतिरिक्त ड्यूटी करने का फैसला किया है। फील्ड हॉस्टल में शनिवार को हुई बैठक में असोसिएशन महासचिव अजय कुमार ने इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हड़ताल में लोगों को बिजली संकट से राहत पहुंचाने के लिए यह फैसला किया गया है।

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