देहरादूनः न आइसीयू और न ऑक्सीजन बेड !

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर लगातार घातक होती जा रही है। इस महामारी की सबसे ज्यादा मार राजधानी झेल रही है। यहां अप्रैल में अब तक 13678 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात किस कदर गंभीर हैं।

स्थिति यह है कि एक अदद बेड की आस में मरीज और उनके स्वजन एक से दूसरे अस्पताल तक भटक रहे हैं। आइसीयू छोड़ि‍ए, ऑक्सीजन बेड के लिए भी मारामारी मची है। फिलहाल, न तो सरकारी अस्पतालों में बेड खाली हैं और न निजी अस्पतालों में ही। मरीज इमरजेंसी या अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में बेड मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

शहर के प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में आइसीयू के बाद अब ऑक्सीजन व सामान्य बेड भी फुल हो गए हैं। बुधवार को अस्पताल में सुबह ही इमरजेंसी के बाहर बेड खत्म होने का पर्चा चस्पा कर दिया गया। गंभीर मरीज कई-कई घंटे तक एंबुलेंस में ही भर्ती होने के लिए इंतजार करते रहे।

बाद में अस्पताल की गैलरी में बेड लगाकर उसमें ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराकर उनका इलाज शुरू किया गया। दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि अस्पताल में अधिकांश कोरोना के गंभीर मरीज ही आ रहे हैं। अस्पताल की ओर से उनको भर्ती करने के लिए व्यवस्था की जा रही है।

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में बेड की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है, लेकिन यह बढ़ोतरी नाकाफी साबित हो रही है। दो दिन पहले अस्पताल में 380 बेड की व्यवस्था थी। इनमें 102 आइसीयू, 22 सामान्य और बाकी ऑक्सीजन बेड थे। अब यहां 407 बेड हो गए हैं। इनमें 104 आइसीयू, 22 सामान्य और बाकी ऑक्सीजन बेड हैं। प्राचार्य का कहना है कि गुंजाइश तलाशी जा रही है, जितना संभव होगा बेड बढ़ाए जाएंगे।

कोरोना मरीजों की संख्या से इंतजाम पटरी से उतरने लगे हैं। निजी अस्पतालों की स्थिति भी दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय सरीखी है। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, मैक्स, श्रीमहंत इंदिरेश, कैलाश, अरिहंत, वेडमेड, सीएमआइ अस्पताल में कोविड के लिए एक भी आइसीयू और ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं है।

सुभारती मेडिकल कॉलेज समेत लेहमन और शेड अस्पताल माजरी ग्रांट में अधिग्रहीत किए गए बेड अभी रिक्त हैं। सुभारती मेडिकल कॉलेज में 20 में से एक बेड पर मरीज भर्ती है। लेहमन और शेड अस्पताल में भी बेड खाली हैं। जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मैक्स अस्पताल और एम्स ऋषिकेश में भी बेड बढ़ाए जा रहे हैं।

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