तिरुपति। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरुपति के रेनीगुंटा में नवनिर्मित एक अस्पताल में रविवार को तड़के भीषण आग लग गई जिसमें डाक्टर और दो बच्चों की मौत हो गई। इस अस्पताल का नाम कार्तिकेय बताया जाता है। पुलिस के अनुसार मृतक बच्चों की पहचान सिद्धार्थ रेड्डी (12) और कार्तिका (6) के रूप में हुई है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक बच्चों के माता-पिता डॉक्टर रविशंकर रेड्डी और डॉ. अनंतलक्ष्मी सुरक्षित बताए जाते हैं।
दमकल अधिकारियों के मुताबिक घटना बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुई। घटना के बाद पुलिस और दमकल की गाड़ियां आनन फानन में मौके पर पहुंच गई। वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि डॉ. रेड्डी की 11 वर्षीय बेटी और सात साल के बेटे ने भूतल से धुआं उठता देख घबराकर खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। इससे बाथरूम में उनका दम घुट गया। यह तीन मंजिला इमारत थी जिसके भूतल पर डॉ. रेड्डी का परिवार एक क्लीनिक चलाता था।
पुलिस का कहना है कि डा. रविशंकर रेड्डी का जला हुआ शव दूसरी मंजिल से बरामद किया गया। बताया जाता है कि हॉस्पिटल में सुबह 4:30 बजे आग लगी। डॉक्टर और उनका परिवार अस्पताल में ही रहता था जिस समय आग लगी उस समय पूरा परिवार सो रहा था। अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के बाद यह घर एक गैस चैंबर में तब्दील में हो गया। कुछ रिपोर्टों में डॉक्टर की भी मौत होने की बात कही जा रही है। पूरे घर में धुंवा भरने से डॉक्टर बाहर नहीं निकल पाए और बेहोश हो गए। बच्चों की मौत भी जहरीली गैस के कारण बताई जाती है।
मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि दमकल कर्मी दरवाजा तोड़कर जब घर के भीतर दाखिल हुए तब लड़की और लड़के को बाहर निकाल कर दूसरे अस्पताल ले जाया गया। हालांकि दोनों की इलाज के दौरान मौत हो गई। अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि पूरा घर फर्नीचर और दूसरे सामान से पैक था। इतना ही नहीं घर के खिड़की और दरवाजे भी बंद थे। बताया जाता है कि आंध्र प्रदेश में चार दिन के भीतर आग लगने की यह दूसरी बड़ी घटना है।