उत्तराखंड कर्मकार बोर्ड का गठन

देहरादून : उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया गया है. बोर्ड में केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ ही छह अन्य सदस्य भी बनाए गए हैं. बोर्ड अध्यक्ष पद का जिम्मा सचिव श्रम के पास ही रहेगा. केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में केंद्रीय श्रम मंत्रालय के वेलफेयर कमिश्नर सदस्य होंगे. राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में सचिव वित्त, सचिव न्याय, मुख्य निरीक्षक भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड को बतौर सदस्य शामिल किया गया.

बोर्ड में चांदमाटी,काठगोदाम, नैनीताल के देवेश भट्ट, किशनपुर देवरिया, किच्छा के त्रिलोक सिंह नेगी, आशीमा विहार,टर्नर रोड,क्लेमनटाउन देहरादून के मोहम्मद इकराम, तपोवन, चमोली निवासी कृष्णमणि थपलियाल, बसंत विहार, छोटी मुखानी,हल्द्वानी के शेखरानंद पांडे व डुंगरी, धूमाकोट पौड़ी निवासी नीलम मैंदोलिया भी सदस्य बनाए गए हैं. बोर्ड में मोहम्मद इकराम की एंट्री अल्पसंख्यक कोटे से हुई है. सचिव श्रम आर.मीनाक्षी सुंदरम ने बोर्ड गठन को लेकर आदेश जारी होने की पुष्टि की.

सियासी दखलअंदाजी की सीमित सरकार ने बोर्ड अध्यक्ष पद पर सचिव श्रम को ही जिम्मेदारी देकर राजनीतिक दखलअंदाजी को सीमित कर दिया है. सितंबर 2021 में तत्कालीन अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल को बोर्ड अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. उस समय से ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सचिव श्रम के पास है. बोर्ड सचिव के पद पर भी श्रम विभाग के अफसरों की बजाय पीसीएस अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई. इस बार बोर्ड के गठन में भी अध्यक्ष पद पर किसी सियासी शख्सियत को नहीं बैठा गया है.

2017 से 2021 के बीच कर्मकार बोर्ड को लेकर उठे विवाद के बाद सरकार ने अध्यक्ष पद पर राजनीतिक दखलअंदाजी को समाप्त कर दिया था. पिछली सरकार के समय कर्मकार बोर्ड सिरदर्द बना हुआ था. 2017 में पहले अध्यक्ष पद पर तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत और सचिव पद पर दमयंती रावत को जिम्मेदारी दी गई थी. उस दौरान बोर्ड पर साइकिल घोटाले, कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के नाम पर बोर्ड के 20 करोड़ रुपये ब्रिज एंड रूफ कंपनी को देने के आरोप लगे. इन तमाम आरोपों पर सवाल उठने के बाद जांच बैठी जो आज तक जारी है.

 

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