चीन से गिड़गिड़ाया कर्ज में दबा पाकिस्‍तान

इस्लामाबाद: खराब आर्थिक स्थिति से जूझ रहे पाकिस्तान ने एक बार फिर मदद के लिए चीन की ओर देखा है। पाकिस्तान ने चीन से करीब 17 अरब डॉलर की सहायता मांगी है। पाकिस्तान की ओर से शुक्रवार को चीन से कुल 2100 मेगावाट की तीन बिजली उत्पादन परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू करने का अनुरोध किया है। साथ ही चीनी फंड के लिए सात बुनियादी ढांचा योजनाओं का प्रस्ताव रखा है।

इस्लामाबाद का ये कदम चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के पहले फेज का और विस्तार करने की कोशिश है। पाकिस्तान ने चीन से चार सड़कों और पुल परियोजनाओं के अलावा डायमर बाशा बांध, हैदराबाद-सुक्कुर मोटरवे और पाकिस्तान रेलवे की मेनलाइन-I परियोजना को वित्तपोषित करने का अनुरोध किया है।

ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की ओर से प्रस्ताव में जिन 9 ऊर्जा और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का रखा गया है। उसमें 17 अरब डॉलर से ज्यादा का खर्च होगा, इसमें ऊर्जा योजनाओं की 4.5 अरब डॉलर की लागत भी शामिल है।

पाक की ओर से यह अनुरोध सीपीईसी की सर्वोच्च संस्था, 13वीं संयुक्त सहयोग समिति (जेसीसी) की बैठक के दौरान किया गया। जेसीसी बैठक में पाकिस्तान की ओर से योजना मंत्री अहसान इकबाल और चीन की ओर से बीजिंग के राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी) के अध्यक्ष शामिल थे।

पाक मंत्री इकबाल ने बैठक के बाद कहा, ‘हम इस साल 2100 मेगावाट की क्षमता वाली तीन ऊर्जा परियोजनाओं को शुरू करने पर सहमत हुए हैं। इन परियोजनाओं में आजाद पाटन बिजली परियोजना, कोहाला जलविद्युत परियोजना और ग्वादर कोयला आधारित बिजली संयंत्र शामिल हैं।

दो जलविद्युत परियोजनाएं अगले छह वर्षों में चालू हो जाएंगी।’ इकबाल ने ग्वादर और आसपास के क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 300 मेगावाट की कोयला आधारित बिजली परियोजना की आवश्यकता पर भी ध्यान देने की बात कही।

योजना मंत्री इकबाल ने यह भी कहा कि चीन कोयला आधारित बिजली उत्पादन के लिए आयातित कोयला परियोजनाओं को स्थानीय कोयले में बदलने के प्रस्ताव का अध्ययन करने पर सहमत हुआ है। इस कदम से कोयले की लागत में प्रति वर्ष 1 बिलियन डॉलर की बचत होगी और चीनी ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं को समय पर भुगतान की सुविधा मिलेगी।

इकबाल ने आगे बताया कि चीन का राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन परियोजना निर्माण चरणों के दौरान बिजली के नुकसान को कम करने और नियमित ऊर्जा को कुशलतापूर्वक हरित ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए सिफारिशें तैयार करने के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगा।

पाकिस्तान ने चीनी वित्तपोषण के लिए सात बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का भी प्रस्ताव रखा, जिसमें सीपीईसी की 6.7 बिलियन डॉलर की मेनलाइन-I परियोजना भी शामिल है। पाकिस्तान ने डायमर बाशा बांध, पंजगोर-मशकूर रोड, हैदराबाद-सुक्कुर मोटरवे, झोब-क्वेटा रोड, क्वेटा-कराची रोड, काराकोरम राजमार्ग का थाकोट-रायकोट खंड और एम-8 मोटरवे पर वांगु सुरंग को भी सीपीईसी में शामिल करने का प्रस्ताव रखा है।

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