आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में मिड डे मील योजना के नाम पर 11.6 करोड़ का घोटाला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक फिरोजाबाद में में प्राइमरी शिक्षक ने फर्जी दस्तावेजों में गड़बड़ी कर इतने बड़े घोटाले को अंजाम दिया।
जानकारी के मुताबिक शिकोहाबाद के चन्द्रकान्त ने फर्जी दस्तावेज से सोसाइटी बनाई और फिर साल 2008 में चिट फंड सोसाइटी में संस्था को रजिस्टर्ड करवाया। इसके बाद चन्द्रकांत सुशील कुमार से उसी संस्था का कोषाध्यक्ष बन गया।
इसके बाद उसने स्कूलों के मिड डे मील वितरण का ठेका ले लिया। चन्द्रकान्त के खिलाफ साल 2008 से 2014 के बीच मिड डे मील के नाम पर करोड़ों रुपये डकारने का आरोप लगा तो विजिलेंस की जांच हुई। विजिलेंस जांच में आरोप साबित होने पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आरोप है कि चन्द्रकांत ने अपने रिश्तेदारों और सगे संबंधियों के जरिए करोड़ों रुपयों की संपत्ति खरीद ली। जांच बैठी तो एक के बाद एक परत खुलती चली गई। विजिलेंस विभाग ने आरोपी शिक्षक समेत आठ विभाग के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
आरोप है कि चंद्रकांत इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड है। प्राथमिक विद्यालय जाजपुर टूंडला में बतौर प्रधानाध्यापक नियुक्त हुए चन्द्रकांत शर्मा ने अपनी पत्नी को भी इस फर्जीवाड़े में शामिल कर रखा था।