पहाड़ में बर्फबारी, मैदान में बारिश-ओलावृष्टि से पारा धड़ाम

देहरादून:  उत्तराखंड में बदले मौसम के बीच एक दिन के भीतर रिकार्ड वर्षा दर्ज की गई। बदरीनाथ-केदारनाथ समेत आसपास की ऊंची चोटियों पर हिमपात और निचले इलाकों में ओलावृष्टि हुई।

मौसम के करवट बदलने से ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान ने भी गोता लगा लिया। कई शहरों में पारा आठ से 10 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। जबकि, देहरादून समेत कई स्थानों पर वर्षा ने नया रिकार्ड स्थापित किया है। ओलावृष्टि के कारण खड़ी फसलों और आम-लीची की बौर को नुकसान पहुंचने की आशंका है।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में आज भी मौसम का मिजाज बदला रह सकता है। पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की वर्षा-बर्फबारी के आसार हैं।

कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की गई है। साथ ही पौड़ी जिले में भारी वर्षा को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। अगले कुछ दिन तापमान सामान्य से कम बना रह सकता है।

लंबे समय से शुष्क रहने के बाद उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदल ली है। बीते तीन दिनों से रुक-रुककर वर्षा-ओलावृष्टि हो रही है। साथ ही चोटियों पर हिमपात भी हुआ है। पश्चिमी विक्षोभ की अति सक्रियता के कारण अचानक बदले मौसम से प्रदेश में ठंड लौट आई है।

कई इलाकों में 24 घंटे के भीतर हुई वर्षा ने कई सालों के रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। चमोली जिले में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, औली, गोरसों बुग्याल में हल्की बर्फबारी हुई। बर्फबारी और वर्षा ने आपदा प्रभावितों सहित यात्रा तैयारियों व बदरीनाथ महायोजना के कार्य में खलल डाल दिया है।

रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ में पिछले दो दिन से लगातार बर्फबारी हो रही है, जिससे इसका असर पुनर्निर्माण कार्यों पर भी पड़ा है। उधर, कुमाऊं में शुक्रवार से ही रुक-रुककर वर्षा का दौर जारी है। वर्षा से एक बार फिर पहाड़ में ठंडक लौट आई है।

अल्मोड़ा जिले के दन्या, पनुवानौला, धौलादेवी, लमगड़ा, सोमेश्वर, चौखुटिया, भिकियासैंण में वर्षा होती रही। बागेश्वर में उच्च हिमालयी गांवों में ओलावृष्टि और पिंडारी में हिमपात हुआ। नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों में जोरदार वर्षा हुई।

मौसम के बदले मिजाज के कारण देहरादून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में आठ से 10 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। जबकि, नैनीताल में रिकार्ड 70 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई, जो कि बीते आठ साल में मार्च में हुई सर्वाधिक वर्षा है।

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