इमरजेंसी के बंधन से मुक्त हुआ श्रीलंका

कोलंबो: श्रीलंका सरकार ने देश में लागू आपातकाल (Emergency Removed In Sri Lanka) शनिवार को हटा लिया। आपातकाल लगा होने से सुरक्षाबलों और पुलिस को किसी को भी हिरासत में लेने या गिरफ्तार करने की इजाजत मिली हुई थी। देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट और सरकार विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए दो सप्ताह पहले आपातकाल लागू किया गया था।

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (SL President Gotabaya Rajapaksa) ने एक महीने के अंदर दूसरी बार 6 मई की मध्यरात्रि आपातकाल लागू किया था। श्रीलंका में सरकार समर्थक और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में नौ लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

‘हिरु न्यूज’ की खबर के अनुसार राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा है कि शुक्रवार मध्यरात्रि से आपातकाल हटा लिया गया है। देश में कानून-व्यवस्था में सुधार को देखते हुए यह फैसला किया गया है। श्रीलंका साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। उसके पास विदेशी मुद्रा भंडार इतना भी नहीं बचा है कि विदेश से जरूरी सामान मंगवा सके।

मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से श्रीलंका सरकार बात कर रही है जिसके 24 मई तक पूरी होने की उम्मीद है। आईएमएफ के प्रवक्ता का कहना है कि हम श्रीलंका में चल रहे घटनाक्रम पर निगाह बनाए हुए हैं। हम यकीनन मदद देंगे जिससे श्रीलंका मौजूदा संकट से बाहर निकल सके।

भारत और जापान श्रीलंका को लाखों डॉलर की खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने जा रहे हैं। कोलंबो में भारतीय उच्चायोग (Indian Embassy In Sri Lanka) ने शुक्रवार को कहा कि चावल, दवाएं और दूध के पाउडर जैसी तात्कालिक जरूरत का सामान लेकर एक भारतीय जहाज रविवार को कोलंबो पहुंचेगा।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (Tamil Nadu CM MK Stalin) ने राहत सामग्री से लदा पोत बुधवार को चेन्नै से रवाना किया था। पहली खेप में नौ हजार मीट्रिक टन चावल, दो सौ मीट्रिक टन दूध का पाउडर और 24 मीट्रिक टन दवाएं शामिल हैं, जिनका कुल मूल्य 45 करोड़ रुपये है।

भारतीय उच्चायोग ने ट्वीट किया, भारत के लोग श्रीलंका के साथ खड़े हैं। चावल, दूध पाउडर और दवाएं, जिनका मूल्य दो अरब श्रीलंकाई रुपये (56 लाख डॉलर) है, रविवार को कोलंबो पहुंचेगा। इसके अलावा भारत सरकार का भेजा 40 हजार टन डीजल लेकर एक और खेप शनिवार को कोलंबो पहुंची।

जापान ने भी विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Program) के तहत 15 लाख अमेरिकी डॉलर की खाद्य राशन और स्कूली भोजन की सहायता देने की घोषणा की है। श्रीलंका के जापानी दूतावास ने बताया कि हम तीन महीने की जरूरी खाद्य सप्लाई, चावल, दाल और तेल, श्रीलंका के लगभग 15 हजार शहरी और ग्रामीण लोगों और 3.80 लाख स्कूली बच्चों को दिया जा सकेगा।

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