फलस्तीनियों की हालत भयावह !

पेरिस: गाजा में युद्ध के कारण विस्थापित हुए फलस्तीनी भयावह परिस्थितियों में रह रहे हैं। बच्चे कभी-कभी पूरे दिन बिना भोजन के रह रहे हैं और हजारों लोग एक ही शौचालय साझा कर रहे हैं। ऑक्सफैम ने मंगलवार को यह चेतावनी दी। हाल के हफ्तों में मिस्र की सीमा के पास गाजा पट्टी के दक्षिणी क्षेत्र राफा में इस्राइली बलों ने बमबारी की की है। जिसने उन लोगों को फिर से विस्थापित कर दिया है, जो गाजा के अन्य हिस्सों से जान बचाकर यहां पहुंचे थे।

संयुक्त राष्ट्र की फलस्तीनी शरणार्थी एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के मुताबिक, दस लाख से ज्यादा लोग राफा से भागकर अन्य क्षेत्रों की ओर चले गए हैं। ऑक्सफैम ने कहा कि गाजा की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी घिरे हुए क्षेत्र के पांचवें हिस्से से भी बहुत कम होने का अनुमान है।

एजेंसी ने कहा, इस्राइल के हमलों के बावजूद पलायन कर रहे लोगों को पूरी मदद प्रदान की जाएगी। गाजा का अधिकांश हिस्सा मानवीय मदद से वंचित हो गया है, जो अकाल का सामना कर रहा है। इसने आगे कहा, सहायता एजेंसी द्वारा मई में किए गए एक खाद्य सर्वेक्षण में पाया गया कि सर्वेक्षण से पहले 85 फीसदी बच्चों ने तीन दिन में एक बार से भी पूरे दिन खाना नहीं खाया था।

ऑक्सफैम ने संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों का हवाला देते हए कहा कि जब से इस्राइली बलों ने छह मई को राफा पर अपना जमीनी अभियान शुरू किया है, तबसे हर दिन औसतन आठ सहायता ट्रकों ने प्रवेश किया। ऑक्सफैम के मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के निदेशक सैली अबी खलील ने कहा, जब तक अकला की घोषणा की जाती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।

पिछले हफ्ते इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक फ्रांसीसी टेलीविजन को इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने गाजा में भुखमरी के आरोपों को खारिज किया औक कहा कि अकाल को रोकने के लिए सबकुछ किया गया। उन्होंने कहा कि गाजा के लोग एक दिन 3,200 कैलोरी खा रहे हैं या दैनिक जरूरत से ज्यादा खा रहे हैं।

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