पोलैंड-बेलारूस के बीच मंडरा रहा जंग का खतरा

वारसा। पोलैंड सीमा पर बढ़ते प्रवासी संकट के बीच रूस-बेलारूस के साझा युद्धाभ्यास के बाद विवाद अब जंग के कगार पर पहुंच गया है। पोलैंड की मदद में ब्रिटेन-ईयू के उतरने पर बेलारूस ने सीमा पर लगी फेंसिंग काटने के लिए शरणार्थियों को उपकरण दे दिए हैं ताकि वे यूरोपीय देशों में पहुंच बना लें। हालात से निपटने के लिए पोलैंड ने रविवार देर शाम सैनिकों को तैयार रहने के लिए सतर्क कर दिया है।

आशंका है कि सोमवार देर रात तक पोलैंड और उसके समर्थन में आए ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के सैनिक कभी भी शरणार्थियों और उनकी आड़ में घुस रहे बेलारूस के सैनिकों पर हमला कर सकते हैं। जबकि दूसरी तरफ रूस और बेलारूस इसी क्षेत्र के निकट युद्धाभ्यास कर रहे हैं जो क्षेत्र में युद्ध के हालात बना सकते हैं। दोनों पक्ष खतरनाक हथियारों से लैस हैं इसलिए खूनी हिंसा का खतरा बढ़ गया है।

बेलारूस ने शरणार्थियों को कहा है कि वे कुजनिका सीमा पर हमला करें। यह उन दो प्रमुख क्षेत्रों में से है जहां से बेलारूस के रास्ते पोलैंड में प्रवेश किया जा सकता है। उधर, पोलैंड के सीमा बल प्रवक्ता ने कहा कि कुजनिका शिविर में एक बेलारूस के और ज्यादा हथियारबंद अफसर पहुंच गए हैं, इनसे निपटने की तैयारी कर ली गई है। प्रवक्ता ने बताया कि हम इस क्षेत्र में स्पष्ट शोरगुल सुन रहे हैं।

पोलैंड-बेलारूस के कुजनिका शरणार्थी शिविर में हजारों शरणार्थियों की मौजूदगी वाले कई टेंट यहां से गायब हो रहे हैं। शरणार्थियों को न सिर्फ बेलारूस से दिशानिर्देश मिल रहे हैं बल्कि उन्हे उपकरण और गैस भी मिल रहे हैं। ऐसे में पोलैंड मानता है कि सैन्य बल के सहारे बेलारूस का पक्ष सोमवार रात तक शरणार्थियों को सीमा पार कराने की बड़ी कोशिश कर सकता है। हालात से निपटने के लिए हमले किए जा सकते हैं।

इससे पहले बेलारूस ने पोलैंड के साथ जारी विवाद के बीच रूस से परमाणु बम की मांग की थी। राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने रूसी मीडिया को कहा कि बेलारूस रूस की एटमी हमला करने में सक्षम इस्कंदर मिसाइल प्रणाली को खरीदना चाहता है। लुकाशेंको ने यह भी एलान किया कि वे यह प्रणआली दक्षिण-पश्चिम में तैनात करने जा रहे हैं। बेलारूस के दक्षिण में यूक्रेन और पश्चिम में पोलैंड है। इन दोनों देशों के साथ रूस और बेलारूस के रिश्ते बहुत खराब हैं।

यूरोप, नाटो और अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों ने पोलैंड के प्रति समर्थन जताया है, क्योंकि बेलारूस को रूस का समर्थन हासिल है। पश्चिमी देश रूस की महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगाना चाहते हैं, इसलिए वे सभी पोलैंड का समर्थन कर रहे हैं। उनका मानना है कि ये रूस की यूरोपीय संघ को अस्थिर करने की साजिश है।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने सोमवार को अफगानिस्तानी, सीरियाई, यमनी और इराकी नागरिकों को देखते हुए बेलारूस की राजधानी मिन्स्क की तरफ जाने वाली उड़ानें रोक दी हैं। यह फैसला रविवार रात को पोलैंड और बेलारूस की सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए लिया गया है। बता दें कि यूरोपीय संघ ने कहा है कि हजारों की संख्या में प्रवासियों के चलते सीमा पर मानवीय संकट के हालात हैं।

अमेरिका का कहना है कि बेलारूस और पोलैंड के बीच प्रवासियों को लेकर सीमा विवाद के बीच रूस पूर्वी यूक्रेन पर हमले की ताक में है। रूस ने यूक्रेनी सीमा के पास बड़ी संख्या में सैनिक, टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों की तैनाती की है। यूक्रेन रक्षा मंत्रालय ने भी रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन पर छद्म युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है। हालांकि, रूस ने ऐसी आशंकाओं से इनकार किया है।

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