जमीन- फ्लैट का ख्वाब हुआ महंगा

देहरादून: जमीनों के सर्किल रेट में तहसील सदर क्षेत्र में 150 प्रतिशत तक भी बढ़ोतरी के बाद बहुमंजिला आवासीय परियोजनाओं में भी रियायत नहीं देखने को मिली।

जिन क्षेत्रों में फ्लैट कल्चर तेजी से बढ़ रहा है, वहां सर्किल रेट उतने ही अधिक बढ़ाए गए हैं। हालांकि, पूर्व के वर्षों में सिमटती जमीनों के बीच बहुमंजिला निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ऐसी परियोजनाओं में राहत देखने को मिलती रही है।

सहस्रधारा रोड से लेकर मसूरी रोड पर ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं का चलन बढ़ा है। इन क्षेत्रों में बहुमंजिला आवासीय परियोजनाओं में 68 से लेकर 75 प्रतिशत तक सर्किल रेट बढ़ाए गए हैं।

हालांकि, सर्वाधिक महंगी जमीन वाले राजपुर रोड क्षेत्र में आवासीय परियोजनाओं की दरों में अपेक्षाकृत कम 18 से 27 प्रतिशत के करीब का इजाफा किया गया है।

राज्य कैबिनेट ने सर्किल रेट में संशोधन बुधवार शाम तक कर दिया था। हालांकि, जिलों में संशोधित दरें देर रात तक भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकीं। देहरादून सदर के सभी सब रजिस्ट्रार सुबह से ही सर्किल रेट की संशोधित दरों का इंतजार कर रहे थे।

वहीं, अधिवक्ता भी रजिस्ट्री के लिए नई दरों का इंतजार कर रहे थे। नई दरों की सूची में विलंब होने के चलते सभी इंतजार की मुद्रा में दिखे। दोपहर बाद जब दरें आईं तो एक बजे के आसपास रजिस्ट्री शुरू की जा सकीं।

जिला प्रशासन के अधिकारियों की अधिकतर क्षेत्रों के सर्किल रेट में संशोधन का पूर्व अनुमान हो जाता है। क्योंकि, प्रस्ताव पर प्रायः मीनमेख नहीं निकाला जाता। इस बार प्रस्ताव पर उच्च स्तर से आठ से नौ बार संशोधन कराए गए। यही कारण रहा कि अधिकारी आखिरी समय तक भी कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं दिखे।

दूसरी तरफ पूर्व में सर्किल रेट की संशोधित दरों को स्पष्ट करने के लिए कैबिनेट की ब्रीफिंग में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को बुलाया जाता रहा है। इस बार शासन ने अपने स्तर पर ही ब्रीफिंग की। यह भी कारण रहा कि जिले के अधिकारी संशोधित सूची आने तक पूरी तरह अनभिज्ञ दिखे।

जमीनों की नई दरों को देख न सिर्फ अधिवक्ता अवाक रह गए, बल्कि संपत्ति के खरीदारों के माथे की लकीरें भी गहरी होती दिखीं। कुछ अधिवक्ताओं ने नई दरों के विरोध की भी बात कही।

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