उमड़े पर्यटक, व्यापारियों के चेहरे खिले

चकराता:  वीकेंड पर पर्यटकों के उमड़ने से चकराता में रौनक बढ़ गई। शनिवार देर शाम को चकराता छावनी बाजार में पर्यटकों के आने से व्यापारियों के चेहरे खिल उठे। पर्यटकों ने चकराता में प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद भी लिया।

पर्यटक चकराता छावनी क्षेत्र के केसरी बाजार से लेकर चौक बाजार तक घूमते नजर आए। पर्यटकों ने ऊनी कपड़े और हिमाचली टोपी खरीदी। पर्यटकों ने स्थानीय उत्पादन में बुरांस का शर्बत, लाल चावल, चकराता के राजमा, गहत की दाल, पहाड़ी साबुत धनिया, लहसुन, चुल्लू का तेल, भंगजीरा, मंडुवे का आटा, पहाड़ी हल्दी, जखिया, झंगोरा, अदरक के अचार आदि की खरीदारी की।

पर्यटकों ने चकराता के खूबसूरत पर्यटन स्थलों का दीदार भी किया। जिसमें चिरमिरी सनसेट सनराइज प्वाइंट, देववन, टाइगर फाल, मोइला टाप बुग्याल, बुधेर गुफा, कोटी कनासर, लोखंडी आदि पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों ने खूब आनंद लिया। इन यादगार पलों को कैमरे में भी कैद किया। पर्यटकों की आमद से स्थानीय कारोबारी बेहद खुश नजर आ रहे हैं।

शनिवार तक चकराता क्षेत्र के होम स्टे, होटल और रिसार्ट में आक्यूपेंसी करीब 70 प्रतिशत रही। अधिकतर सैलानियों ने आनलाइन माध्यम से होटल व रिसार्ट बुक कराए। व्यापारी अशोक कुमार गोयल, प्रताप सिंह चौहान, अमित अरोड़ा, राजेंद्र अरोड़ा, दिनेश चांदना, संजय जैन आदि का कहना है कि पर्यटकों की आमद से चकराता का व्यापार सुधरता है। छावनी बाजार में पर्यटक कुछ न कुछ खरीदारी जरूर करते हैं। स्थानीय उत्पाद पर्यटकों को पसंद आते हैं।

व्यापारियों का कहना है कि चकराता का पूरा व्यापार पर्यटकों पर ही निर्भर रह गया है। कुछ वर्ष पूर्व यहां पर ग्रामीण व सैनिक बाजारों में खरीदारी करने आते थे, मगर अब उन्होंने चकराता से खरीदारी करना छोड़ दिया है। चकराता बाजार पर्यटकों से गुलजार रहने से बाजार में रौनक दिखाई देने लगी, जबकि कुछ दिन पूर्व लगातार बेमौसम वर्षा से बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ था। चकराता में हमेशा की तरह इस बार भी पार्किंग सुविधा न मिलने पर पर्यटकों ने अपने वाहन सड़क पर खड़े किए।

चकराता: चकराता में सीजन में पर्यटकों की संख्या ठीक रहती है, लेकिन सरकार और पर्यटन विभाग यहां सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रही है। यहां पर पर्यटन विभाग की ओर से न तो कोई सूचना केंद्र खोला गया और न ही यहां पर पार्किंग की पर्याप्त सुविधा है।

कालसी-चकराता मोटर मार्ग व त्यूणी-चकराता-मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग पर शौचालय की व्यवस्था है। चकराता के मुंडाली को स्नो स्कीइंग के लिए विकसित किया जा सकता है, लेकिन इस तरफ भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। चकराता क्षेत्र में छावनी परिषद के रहते यहां पर कोई पेट्रोल पंप भी नहीं है।

मरम्मत की अनुमति न मिलने से जर्जर भवन चकराता की सुंदरता को ग्रहण लगा रहे हैं। छावनी क्षेत्र के कारण चकराता में सीमित संख्या में होटल हैं, जिसके चलते कोरुवा, पुरोड़ी, लागापोखरी, मोहना, धारनाधार, लोखंडी, जाड़ी, माख्टी, बिरमो आदि क्षेत्र में रिसार्ट विकसित हो रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *