उत्तराखंडः राजधानी देहरादून में नाइट कर्फ्यू

देहरादून। राजधानी देहरादून में नाइट कर्फ्यू के आदेश से पुलिस की चुनौती बढ़ गई है। दरअसल, देहरादून से काफी संख्या में पुलिस बल हरिद्वार कुंभ में भेजा जा चुका है। इस कारण यहां पहले से ही पुलिसकर्मियों की कमी बनी हुई है। उस पर नाइट कर्फ्यू ने अधिकारियों को उलझन में डाल दिया है। अब अधिकारी पशोपेश में हैं कि किसकी ड्यूटी दिन में लगाएं और किसकी रात में। फिलहाल पुलिस नाइट कर्फ्यू की एसओपी का इंतजार कर रही है।

यह समस्या कुंभ में बाहरी प्रदेशों से पुलिस बल नहीं मिलने के कारण उत्पन्न हुई है। उत्तराखंड ने विभिन्न राज्यों से कुंभ में व्यवस्था के लिए पुलिस बल मुहैया कराने को कहा था, लेकिन ऐन वक्त पर पांच राज्यों ने विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश ने पंचायत चुनाव होने के कारण पुलिस बल देने से इन्कार कर दिया। ऐसे में देहरादून के थाना-चौकियों में तैनात अधिकतर पुलिसकर्मियों को कुंभ ड्यूटी में भेज दिया गया है।

अब अचानक नाइट कर्फ्यू का आदेश जारी होने से पुलिस के समक्ष बेहद सीमित संसाधनों में व्यवस्था बनाने की समस्या खड़ी हो गई है। नाइट कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराने के लिए शहर के सभी चौराहों पर पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही रात्रि गश्त में भी अतिरिक्त टीमें उतारनी पड़ेंगी।

इस स्थिति में जो कर्मचारी दिन में ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हीं को रात में भी ड्यूटी करनी पड़ेगी। यही अधिकारियों की चिंता की वजह भी है। इस समस्या से निपटने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत आज अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं।

जिले में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की कुल संख्या 3000 के करीब है। इनमें से 700 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को कुंभ ड्यूटी पर भेजा गया है। इसके अलावा काफी संख्या में पुलिसकर्मी गारद और वीआइपी ड्यूटी में तैनात हैं।

फोर्स की कमी के चलते कुंभ में पुलिस विभाग सेवानिवृत्त अधिकारियों की सेवाएं भी ले रहा है। आइजी कुंभ ने शुक्रवार को आदेश जारी कर आठ सेवानिवृत्त एएसपी, सीओ व इंस्पेक्टरों की कुंभ में ड्यूटी लगाई है। जिन सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों की कुंभ में ड्यूटी लगाई गई है, वह जोनल पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर काम करेंगे।

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