उत्तराखंड: सैलानियों के लिए ‘स्नो लेपर्ड टूर’

देहरादून। वन विभाग ने अगले माह उत्तरकाशी जिले में प्रायोगिक तौर पर ‘स्नो लेपर्ड टूर’ आयोजित करने का निर्णय लिया है। विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि पहले आओ-पहले पाओ के सिद्धांत पर कुल 30 व्यक्तियों के लिए चार टूर आयोजित किए जाएंगे।

उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की ठीक-ठाक संख्या है। इन इलाकों में लगे कैमरा ट्रैप में अक्सर कैद होने वाली हिम तेंदुओं की तस्वीरें इसकी तस्दीक करती हैं। यही नहीं, प्रदेश में इनकी वास्तविक संख्या का पता लगाने के मद्देनजर सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत हिम तेंदुओं का आकलन भी चल रहा है। अब सरकार ने उच्च हिमालयी क्षेत्रों और इनकी शान कहे जाने वाले हिम तेंदुओं को पर्यटन से भी जोड़ने का निश्चय किया है।

वन विभाग के मुखिया भरतरी के अनुसार हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में पर्यटकों को हर साल बर्फीले इलाकों के टूर पर भेजा जाता है। वहां सैलानियों को हिम तेंदुए नजर भी आते हैं। उन्होंने बताया कि इसी तर्ज पर उत्तराखंड में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से ‘स्नो लेपर्ड टूर’ के आयोजन का निर्णय लिया गया है। प्रयोग के तौर पर अगले माह उत्तरकाशी जिले के हर्षिल, झाला, धराली, मुखबा, बघोरी क्षेत्रों में चार टूर होंगे।

भरतरी ने बताया कि स्नो लेपर्ड टूर के संबंध में यूएनडीपी, सिक्योर हिमालय परियोजना के अधिकारियों से वार्ता हो चुकी है। अब मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल को टूर की कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है, ताकि फरवरी में इनका आयोजन किया जा सके।

इसे लेकर जो भी रिस्पांस मिलेगा, उसके अनुरूप उच्च हिमालयी क्षेत्र के उन हिस्सों में भी टूर आयोजित किए जाएंगे, जहां हिम तेंदुओं की मौजूदगी है। उन्होंने बताया कि स्नो लेपर्ड टूर की मार्केटिंग पर्यटन विभाग करेगा। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में वन्यजीव पर्यटन की गतिविधियां शुरू होने से ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *