मॉस्को: यूक्रेन और रूस की सीमा पर तनाव तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण पूरे यूरोप में हाई अलर्ट है। एक रूसी सैन्य विश्लेषक ने चेतावनी दी है कि हालात नहीं सुधरे तो एक महीने के भीतर दुनिया को कोरोना संकट के बीच भीषण युद्ध का सामना करना पड़ जाएगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस ने हाल ही में विवादित सीमा पर अपने 4,000 सैनिकों को भेजा है। रूसी सेना के इस बड़े मूवमेंट से जहां यूरोप हाई अलर्ट पर हैं, जिससे विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है।
स्वतंत्र रूसी सैन्य विश्लेषक पावेल फेलगेनहर का कहना है कि खतरा तेजी से बढ़ रहा है। भले ही इसके बारे में फिलहाल मीडिया में अधिक चर्चा नहीं हो रही, लेकिन काफी बुरे संकेत दिखाई दे रहे हैं। ये संकट इतना बड़ा है कि अगर विश्व स्तर पर युद्ध नहीं होता है तो भी यूरोप में युद्ध हो सकता है। इस विशलेषक ने ये चेतावनी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उस कदम के बाद दी है, जिसमें 4 हजार रूसी सैनिकों को टैंक और अन्य बख्तरबंद वाहनों के साथ विवादित क्षेत्र में भेजा गया है।
पावेल फेलगेनहर का कहना है कि यह विवाद केवल दो देशों तक ही सीमित नहीं रहेगा। इसमें यूरोपीय या विश्व स्तर पर युद्ध का रूप लेने की भी क्षमता है। क्योंकि, यूक्रेन नाटो समर्थक देश है और उस पर हमला होने की स्थिति में नाटों के कई देशों से रूस की जंग छिड़ जाएगी। हाल ही में अमेरिका से सैन्य हथियारों से लदा एक कार्गो शिप यूक्रेन पहुंचा था, जिस पर रूस ने कड़ी आपत्ति जताई थी। बता दें कि रूस पहले से ही यूक्रेन और अमेरिका में बढ़ती हुई नजदीकी से नाराज है
हालांकि रूस का कहना है कि यूक्रेन के साथ लगने वाली उसकी सीमा पर रूसी सैन्य अभ्यास यूक्रेन या फिर किसी और के लिए कोई खतरा पैदा नहीं कर रहा है। रूस किसी युद्ध की तैयारी नहीं कर रहा है। क्रेमलिन का ये भी कहना है कि रूस देशभर में सैनिकों की तैनाती करता है और सीमा पर करना कोई नई बात नहीं है।
यूक्रेन और रूस के बीच विवादित क्षेत्रों को लेकर तनाव चल रहा है। दोनों ही देश एक दूसरे पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते रहे हैं। यूक्रेन का कहना है कि साल 2014 के बाद से रशियन आर्मी ने उसके देश के 14 हजार लोगों की हत्याएं कीं।