भराड़ीसैंण में फिर सन्नाटा

भराड़ीसैंण : भराड़ीसैंण विधानसभा में 13 मार्च से राज्यपाल के अभिभाषण से बजट सत्र शुरू हुआ। विपक्ष ने ऐसे हंगामा काटा कि राज्यपाल को हाथ जोड़कर अनुरोध करना पड़ा कि कम से कम उनके अभिभाषण की आखिरी पंक्तियां ही सुन लें। विपक्ष ने उनकी ओर राज्यपाल गो बैक के नारे फेंके।

सत्तापक्ष के लिए निशाना साधने का इससे बढ़िया मुद्दा ही नहीं था। लिहाजा बजट अभिभाषण पर चर्चा से ज्यादा सबका जोर कांग्रेस के सदन में किए आचरण को कोसने पर रहा। रही सही कसर कांग्रेस 15 विधायकों के निलंबन के मामले पूरी कर दी।

पहाड़ की दुश्वारियां और भराड़ीसैंण की ठंड शायद कोई ज्यादा दिन झेलने को तैयार नहीं था। इसलिए हर बार की तरह इस बार भी आनन-फानन में सत्र निपटाने की पटकथा लिखी गई। इस पटकथा के किरदार पक्ष और विपक्ष दोनों ही ओर थे।

विरोध, नाराजगी, हंगामा और बगैर चर्चा के विधेयकों और विभागों के बजट की फटाफट मंजूरी इस पटकथा के प्रमुख हिस्से थे। भराड़ीसैंण से विदाई के लिए मंत्रियों, अफसरों और विधायकों को कड़ाके की ठंड में रात 10 बजे तक विधानसभा के सभामंडप में लगातार ही बैठना भी मंजूर था।

चर्चा के बहाने विधायकों को अपनी बात करने का अवसर मिलता लेकिन विधायक आदेश चौहान के निलंबन को लेकर सदन में कांग्रेस विधायकों के हंगामे से सदन की मर्यादा को तार-तार करने की एक और दुर्भाग्यपूर्ण नजीर पेश हुई। जैसे-तैसे मामला शांत हुआ तो मसला दूसरा मुद्दों पर बहस की वजह बना।

बजट पर मैराथन चर्चा के बाद जब नेता सदन पुष्कर सिंह धामी ने अपनी बात रखी तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य को भी जोश आ गया। मगर सत्ता पक्ष के विधायकों के विरोध में उनका जोश ठंडा पड़ गया। नाराज विपक्षी विधायकों ने वाकआउट कर दिया। और सरकार को सहजता के साथ बिना चर्चा के बजट पास करने का अवसर मिल गया ।

चार दिनों में बजट सत्र की कार्यवाही 21 घंटे 36 मिनट तक चली।विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विपक्ष एवं पक्ष के सभी सदस्यों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है। कहा कि प्रदेश व जनहित के अनेक विषयों पर सदन में दोनों दलों की ओर से शांति पूर्वक गंभीर चिंतन मनन किया गया।

चार दिन के सत्र में विधान सभा को 603 प्रश्न प्राप्त हुए। जिसमें स्वीकार 8 अल्पसूचित प्रश्न में 1 उत्तरित हुआ है। जबकि 180 तारांकित प्रश्न में 46 उत्तरित, 380 आताराकिंत प्रश्न में 197 उत्तरित, कुल 29 प्रश्न निरस्त किए गए।

ये विधेयक हुए पारित

1-उत्तराखंड मत्स्य अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2022
2. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम, 1916) (संशोधन) विधेयक, 2022
3. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक,
4. उत्तराखंड पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधिमान्यकरण विधेयक, 2022
5. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1901) (संशोधन) विधेयक, 2022
6. उत्तराखंड सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक, 2022
7. उत्तराखंड राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2023
8. यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी रुड़की (संशोधन) विधेयक, 2023.
9. उत्तराखंड सेवा का अधिकार (संशोधन) विधेयक-2023
10. उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) विधेयक, 2023
11. सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 (उत्तराखण्ड संशोधन) विधेयक, 2023,
12. उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2023,
13. उत्तराखंड विनियोग विधेयक, 2023

अध्यादेश
उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *