चट्टान गिरने से आदि कैलास मार्ग बंद

देहरादून:  उत्तराखंड में लगातार मौसम शुष्क बने रहने से पारा तेजी से चढ़ रहा है। सूरज की तपिश बेहाल करने लगी है। मैदानी क्षेत्रों में गर्म हवा के थपेड़े दुश्वारी बढ़ा रहे हैं।

ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। हालांकि, आज से पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम के करवट बदलने के आसार हैं। मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें और ओलावृष्टि हो सकती है। इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

पिथौरागढ़ में तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर गर्बाधार के पास चट्टान तोड़ने के लिए किए गए बारूदी विस्फोट से भारी चट्टान गिर गई। जिससे लगभग आठ से दस मीटर सड़क ध्वस्त हो चुकी है। इस कारण व्यास घाटी के सात गांव सहित चीन सीमा का संपर्क भंग हो चुका है।

आदि कैलास और ओम पर्वत का भी संपर्क भंग है। उच्च हिमालय को गए वाहन फंस गए हैं। इस समय आदि कैलास यात्रा का तीसरा दल भी उच्च हिमालय में है। मार्ग के खुलने एक दो दिन का समय लगने की संभावना है। गुंजी आदि कैलास मार्ग अभी भी बंद है।

प्रदेश में बीते एक सप्ताह से मौसम शुष्क बना हुआ है। हालांकि, पहाड़ों अब भी आंशिक बादल मंडरा रहे हैं। शुक्रवार को देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में चटख धूप खिली। जिससे पारे में करीब डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में चिलचिलाती धूप के बीच गर्म हवा के थपेड़े बेहाल कर रहे हैं।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार शनिवार शाम तक पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड में दस्तक दे सकता है। जिसके चलते उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की वर्षा-बर्फबारी हो सकती है।कहीं-कहीं तेज हवाओं के साथ हल्की बौछारें पड़ने के आसार हैं। निचले इलाकों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की चेतावनी है।

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