भोटिया कुत्ता: बाघ-तेंदुए का दुश्मन

देहरादून । भोटिया कुत्ता के नाम का जिक्र आते ही एक मजबूत कद-काठी के निर्भीक कुत्ते की तस्वीर आंखों के आगे उभर आती है। जो लोग उत्तराखंड या अन्य पर्वतीय इलाकों में रहते हैं कि यह वह कुत्ता है, जिसे हिमालयन शीपडॉग नाम से जाना जाता है।

भोटिया कुत्ता उत्तर भारत के हिमालयी जनपदों में बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। सदियों से इनका इस्तेमाल चारवाहे अपनी भेड़- बकरियों को गुलदार यानी लैपर्ड से सुरक्षा प्रदान करने के लिए करते हैं। इन्हें आप मुख्य रूप से पश्चिमी हिमालय, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के पहाड़ी इलाकों में देख सकते हैं।

ऐसा नहीं कि यह अन्य जगह नहीं पाये जाते, लेकिन शुद्धता की गारंटी सिर्फ हिमालयी ठंडे इलाकों में है। अन्य क्षेत्रों में इन्हें कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। जैसे हिमालयन शीपडॉग, इंडियन पैंथर, गड्डी या गद्दी कुत्ता आदि। वैसे यह मूल रूप से तिब्बती मास्टिफ की ही एक प्रजाति है।

मुख्यत: यह काले या अन्य गहरे रंगों के होते हैं। इनमें कई बार लाल, भूरे तथा काले-सफेद मिक्स भी देखने को मिल जाते हैं। एक नर कुत्ते की ऊंचाई 28 से 34 इंच तक तथा मादा की 26 से 32 इंच के बीच होती है। नर भोटिया कुत्ते का वेट 45 से 80 किग्रा और मादा का 35 से 60 किग्रा होता है।

इसकी पहचान का एक अन्य तरीका यह भी है कि लगभग हर भोटिया कुत्ता ताकतवर होने के साथ शांत स्वभाव का भी होता है। यह अकारण किसी इंसान या जानवर से नहीं उलझता है। इसके बावजूद यदि कोई इसके लिए खतरा बन जाये तो यह बहुत आक्रमक हो जाता है।

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