हरिद्वार: पितृ पक्ष श्राद्ध सोमवार से शुरू हो रहे हैं। इन दिनों पितरों के स्मरण के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध, जाप और शांति पाठ व हवन आदि किए जाते हैं, लेकिन कोरोना काल के बीच परिवार के सदस्यों के दूरदराज रहने के चलते पितरों के श्राद्ध पर कर्मकांड आदि के लिए पंडितों की ऑनलाइन बुकिंग की जा रही है।
गाजियाबाद जिले के मुरादनगर में छोटा हरिद्वार पर पिंड दान आदि की पूरी व्यवस्था की गई है। कोरोना काल में लोगों के रहन-सहन के तरीके बदल गए हैं। वहीं तीज-त्योहारों के स्वरूप भी बदल गए हैं। जहां स्कूल बंद होने से पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है।
वहीं, अब मजबूरन लोग पितरों का स्मरण भी पंडितों के माध्यम से ऑनलाइन करने लगे हैं या मौके पर पंडितों की उपलब्धता के लिए उनकी पहले से ही बुकिंग करने लगे हैं।
महंत मुकेश गोस्वामी ने बताया कि छोटा हरिद्वार पर लोग अस्थि विसर्जन, पिंड दान, शांति पाठ आदि के लिए आते हैं। कोरोना काल के बीच यहां लोगों का आना बढ़ गया है। वहीं सोमवार से शुरू हो रहे पितृ पक्ष श्राद्ध में पिंडदान, जाप, पाठ आदि के लिए लोग पंडित करते हैं।
इसके के लिए अभी 10 पंडितों की व्यवस्था की है। हालांकि, काफी लोग अपने पंडित साथ लाते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर और भी पंडितों की व्यवस्था की जाती है।
छोटा हरिद्वार में बढ़ गया आवागमन : कोरोना काल में हरिद्वार, बृजघाट में बाहर से लोगों के आने में प्रतिबंध लगा हुआ था। ऐसे में अस्थि विसर्जन आदि कर्मकांडों के लिए मुरादनगर स्थित छोटा हरिद्वार में लोगों का आवागमन बढ़ गया।
महंत ने बताया कि अपने पितरों का स्मरण किसी भी तरीके से किया जा सकता है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते विषम परिस्थितियां बनी हुई हैं। उन्होंने बताया कि एक परिवार को शांति हवन कराना था।
शांति हवन में सभी की उपस्थिति जरूरी होती है, लेकिन उनके परिवार के कुछ सदस्य कनाडा में रहते हैं। ऐसे में उन्होंने अपने यहां शांति हवन की तैयारी की और यहां पंडित जी ने ऑनलाइन जुड़कर हवन कर विधि-विधान से शांति हवन कराया।
पितृ पक्ष को लेकर शहर के पूजा घरों में तैयारी कर ली गई है। तर्पण, संकल्प और दान के सामानों की खरीदारी शुरू हो गई है। पितृ पक्ष श्राद्ध सोमवार से शुरू हो रहा है। इस पक्ष में श्राद्ध और तर्पण करने का विशेष महत्व माना जाता है।
शहर में घंटाघर, चौपला, अग्रसेन बाजार, दिल्ली गेट, डासना गेट, विजयनगर, संजयनगर वसुंधरा वैशाली में पूजी सामग्रियों के बाजार हैं। श्राद्ध और तर्पण के लिए आवश्यक पूजा सामग्री की खरीददारी के लिए बाजार तैयार हैं।
हिंदू रीति-रिवाज और मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों का स्मरण जरूरी होता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच कर्मकांडों को टाला नहीं जा सकता है। ऐसे में विकल्प के तौर पर ऑनलाइन माध्यम से कार्य किए जाने लगे हैं।
छोटा हरिद्वार गंग नहर पर लोग सभी प्रकार के कर्मकांडों के लिए आते हैं। इन सभी के लिए यहां भी पूरी व्यवस्था की गई है। कोविड नियमों का पालन कराकर सभी कार्य होते हैं। पितृ पक्ष श्राद्ध के लिए हाल में 10 पंडितों की व्यवस्था है। कुछ लोग अपने पंडित साथ लाते हैं।