ऋषिकेश : महज 12 दिन के भीतर ही चारधाम यात्रा चरम पर है। बीती तीन मई को अक्षय तृतीया के मौके पर चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। वहीं यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। इसकी एक वजह कोरोना संक्रमण के दो साल बीत जाने के बाद व्यापक स्तर पर यात्रा का होना माना जा रहा है।
चारधाम यात्रा बस स्टैंड ऋषिकेश में विभिन्न धामों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पंजीकरण कराने पहुंच रही है। रविवार को भी यहां कुछ ऐसा ही माहौल दिखाई दिया। काउंटर पर लंबी लाइन लग गई। गौरतलब है चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार की ओर से स्लाट खाली होने पर ही पंजीकरण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत ही पंजीकरण किए जा रहे हैं।
बुकिंग का आलम यह है कि रविवार सुबह 8:30 बजे तक सिर्फ बदरीनाथ धाम का ही स्लाट उपलब्ध था। शेष तीनों धाम के स्लाट फुल हो चुके थे। वहीं चारधाम यात्रा पर रविवार की सुबह से ही बड़ी संख्या में राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से श्रद्धालु ऋषिकेश पंजीकरण केंद्र पहुंचे। यहां आकर श्रद्धालुओं को जानकारी दी गई थी कि जिस धाम के लिए भी बुकिंग पूर्ण हो रखी है, उस धाम के लिए पंजीकरण नहीं किया जाएगा।
यात्री पंजीकरण करने के लिए दबाव बनाते नजर आए। पंजीकरण खिड़कियों पर भारी भीड़ आने से व्यवस्था प्रभावित होने लगी। जिसके लिए पुलिस चौकी और कोतवाली से अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात करने पड़े। हालत यह है कि अन्य प्रांतों से ट्रैवल एजेंटों के जरिए यहां आने वाले यात्रियों के दलों को स्थानीय ट्रैवल एजेंटों के हवाले कर दिया गया है।
स्थानीय ट्रैवल एजेंट चारधाम का किराया एक साथ जमा करवा रहे हैं। कई श्रद्धालुओं की परेशानी यह है कि जब हमें एक धाम का टिकट मिल रहा है तो तीन धाम के पैसे एडवांस क्यों लिए जा रहे हैं। इस मामले की शिकायत यात्रियों द्वारा पुलिस से भी की गई है।
चारधाम यात्रा में उमड़ रही भीड़ को देखते सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे धामों में दर्शन की अगली उपलब्ध तिथियों पर पंजीकरण कराएं और इसके आधार पर ही यात्रा का प्लान बनाएं।
सचिव पर्यटन जावलकर ने कहा कि सरकार ने चारों धामों केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में वहन क्षमता को ध्यान में रखते हुए धामों में दर्शनार्थियों की संख्या तय की है। इसी के आधार पर धामों में दर्शन के लिए पंजीकरण किए जा रहे हैं।