ऋषिकेश। चिकित्सकों की मानें तो कोरोना वायरस इस बार 70 प्रतिशत अधिक गति तेजी से लोगों में संक्रमित हो रहा है। हालात का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि मात्र एक पखवाड़े में एम्स ऋषिकेश में भर्ती किए गए कोविड मरीजों की संख्या 199 पहुंच गई है। बीती एक अप्रैल के बाद कोरोना संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में 12 गुना बढ़ोत्तरी हुई है।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि कोविड का नया वायरस इतना घातक है कि पहली लहर के वायरस की तुलना में यह लगभग पांच गुना अधिक तीव्र गति से व्यक्तियों को संक्रमित करने में सक्षम है। नए स्ट्रेन के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आने से संक्रमित व्यक्ति को इलाज के लिए पर्याप्त समय भी नहीं मिल पा रहा है।
प्रो. रवि कांत ने कहा कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट बताती है कि भारत में इस बार नए स्ट्रेन का कोरोना वायरस अभी तक 700 से अधिक बार अपना स्वरूप बदल कर व्यक्तियों को संक्रमित कर चुका है।
उन्होंने बताया कि बेहद खतरनाक गति से लोगों को चपेट में ले रहे इस वायरस से जीवन को बचाने के लिए सभी व्यक्ति अनिवार्य रूप से मास्क का इस्तेमाल करें और साथ ही आपस में दो गज की दूरी बनाए रखना बहुत जरूरी है। इस मामले में जरा सी लापरवाही एक-दूसरे के जीवन पर भारी पड़ सकती है।
उन्होंने कहा कि नागरिकों को चाहिए कि अपना इम्यूनिटी स्तर बनाए रखने के लिए कोविड महामारी से दहशत में न आएं और अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने के साथ साथ सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का गंभीरता से पालन सुनिश्चित करें।
एम्स की कम्युनिटी एवं फेमिली मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना ने कोरोना के नए स्ट्रेन के बारे में बताया कि जिन व्यक्तिों को पिछले वर्ष कोविड हो चुका है, उनके लिए यह कोरोना वायरस की यह लहर ज्यादा घातक है। मगर, इससे डरने की जरूरत नहीं बल्कि इससे बचाव के उपाय अपनाने की नितांत आवश्यता है।
उन्होंने बताया कि संक्रमित होने वाले व्यक्तियों में सूखी खांसी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने मे तकलीफ, सीने में दर्द, सीने में दबाव महसूस होना, जागने में दिक्कत होना, कमजोरी महसूस करना अतिरिक्त लक्षण हैं, जबकि बुखार व खांसी इसके प्राथमिक लक्षण हैं।
तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के कारणों के बारे डॉ. वर्तिका सक्सेना ने बताया कि पिछली लहर के बाद देश में हालात सामान्य होने पर सभी ने लापरवाही बरतनी शुरू कर दी। मास्क का इस्तेमाल करना बंद कर दिया और बिना किसी सुरक्षात्मक उपायों के एक-दूसरे से मिलने-जुलने लगे।
प्रो. वर्तिका सक्सेना ने परामर्श दिया है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग कोविड वैक्सीन जरूर लगवाएं। यह वैक्सीन कोविड संक्रमण की घातकता को कम करने में सहायक है। उन्होंने बताया कि एम्स, ऋषिकेश में बने कोविड टीकाकरण केंद्र में रविवार को भी कोरोना वैक्सीन लगाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने परामर्श दिया है कि जिनको कोविड वैक्सीन लग चुकी है, उन्हें भी अनिवार्यरूप से मास्क का इस्तेमाल करने के साथ साथ आपस में पर्याप्त सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करना होगा।