हवाई के जंगलों में भड़की आग से मरने वालों की संख्या हुई 89

वाशिंगटन:अमेरिका के हवाई में स्थित माउई के जंगलों में लगी भीषण आग को चार दिन से ज्यादा समय हो गया है। आग कितनी तेज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को निकाले जाने के दौरान लपटों में फंसकर अभी तक 89 लोगों की जान जा चुकी है। दमकलकर्मी लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, बचाव टीम लगातार लाहैना में जिंदा बचे लोगों की तलाश में जुटी हुई है।

इस बीच, एक एजेंसी ने शहर के नुकसान के बारे में बताया। संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (फेमा) के अनुसार, लाहैना में अभी तक 2,200 से अधिक संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। वहीं, 2,100 एकड़ यानी 850 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र आग की भेंट चढ़ गए हैं। कहा जा रहा है कि इसके पुनर्निर्माण में करीब 5.5 अरब डॉलर तक का खर्च आएगा।

गवर्नर जोश ग्रीन ने चेतावनी दी कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि जहां हम लोगों को एकजुट कर सकते हैं, वहां पूरी कोशिश की जा रही है। हमारा लक्ष्य पीड़ित लोगों को आवास दिलाना, उन्हें स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना और फिर शहर का पुनर्निर्माण करना है। वहीं, राज्य की अटॉर्नी जनरल ऐनी लोपेज ने कहा कि वह आग लगने से पहले और उसके दौरान लिए गए निर्णयों की समीक्षा शुरू कर रही हैं।

अधिकारियों ने दावा किया कि जंगल में आग कई वजह से लगी है। जैसे- संचार नेटवर्क की विफलता, एक तटीय तूफान से शक्तिशाली हवा के झोंके और दर्जनों मील दूर एक अलग जंगल में लगी आग।

आग से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी वजह से यह आग हवाई के इतिहास में सबसे खराब प्राकृतिक आपदा बन चुकी है। इससे पहले सन् 1960 में आई सुनामी ने 61 लोगों की जान ले ली थी। इसके अलावा, साल 2018 में कैलिफोर्निया के पैराडाइज शहर में आग लगी थी, जिसमें 85 लोग मारे गए थे। लेकिन अब यह आंकड़ा भी इस साल लगी आग ने पीछे छोड़ दिया है।

गौरतलब है, हवाई के माउई में स्थित लाहैना, पुलेहू और अपकंट्री में हाल ही में नई आग भड़क उठी। लोग अपनी जान बचाने के लिए समुद्र में कूदने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं आग से से द्वीप के ऐतिहासिक कस्बों का बड़ा हिस्सा तबाह हो गया है।

जंगल की आग के चलते लाहैना कस्बे के पर्यटक स्थलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। अमेरिका के मौसम विभाग के मुताबिक, हवाई में जंगल की इस आग के इतना तेजी से भड़कने के लिए चक्रवात डोरा भी जिम्मेदार है, जिसकी तेज हवाओं ने आग को काफी तेजी से फैलाया है।

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