उत्तराखंड में आफत की बारिश

देहरादून। उत्तराखंड के कई हिस्सों में बारिश का दौर जारी है, जिससे मुश्किलें बढ़ गई है। चमोली जिले में एक बाइक सावर के गदेरे में बहने की खबर है। गंगोत्री और यमुनोत्री हाइवे बाधित है, जबकि कई जगह भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। वहीं, बदरीनाथ हाइवे पर कर्णप्रयाग के पास तडके से बंद था, जिसे कुछ देर पहले यातायात के लिए खोल दिया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में शनिवार रात हुई बारिश आफत बनी रही। टिहरी जिले के कैम्पटी में भारी बारिश से झरना उफान पर आ गया। झरने के आसपास बड़ी मात्रा में मलबा जमा हो गया।

इसके चलते रविवार को पुलिस ने पर्यटकों को झरने में जाने से रोक दिया। उधर, गंगोत्री और बदरीनाथ हाईवे भी बारिश के कारण मलबा आने से कई जगह अवरुद्ध हो गए। वहीं, चमोली जनपद के देवाल में सौरीगाड़ ग्राम पंचायत के नागाड़ा में आकाशीय बिजली गिरने से चार बकरियों की मौत हो गई। यहीं के कोटेडा गांव में भूस्खलन से कृषि भूमि तबाह हो गई। कैम्पटी में मलबा आने से झरने के आसपास की दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। पानी के तेज बहाव से झरने की सुरक्षा दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई।

चमोली जिले में हो रही भारी बारीश के चलते कर्णप्रयाग-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोल्टी गदेरे में एक बाइक सवार के बहने की सूचना है। पुलिस को स्थानीय ग्रामीणों ने बाइक सवार के बहने की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस टीम ने घटना स्थल पर सर्च अभियान शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि एक बुलेट सवार उफनाते लोल्टी गदेरे को पार कर रहा था कि अचानक अनियंत्रित होकर वह तेज बहाव में बह गया है।

थानाध्यक्ष ध्वज वीर सिंह पंवार ने बताया कि स्थानीय नागरिकों ने घटना की सूचना दी, जिसके बाद पुलिस बल मौके पर पहुंच गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने उसे 200 मीटर दूर तक बहते देखा। बताया जा रहा है कि गदेरे में घटना स्थल के 100 मीटर की दूरी पर बाइक गदेरे के बीचों-बीच दिखाई दे रही है, लेकिन बाइक सवार का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। मौके पर पुलिस का सर्च अभियान जारी है।

उत्तरकाशी में रविवार की रात से बारिश हो रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग नगुण बैरियर के पास बाधित है। इसके अलावा राजमार्ग पर रतूडी सेरा, डबराणी, सुनगर के पास भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है, जबकि यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड के पास बाधित है। जनपद में गंगोत्री धाम के अलावा 20 से अधिक गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप है। जनपद के 15 संपर्क मार्ग भी बंद हैं, जिससे 20 का संपर्क कट गया है।

इधर, मसूरी में शनिवार को मध्य रात्रि में मूसलधार बारिश होने से बासागाड़ के पास हाथीपांव तिराहे पर टिन शेड के ऊपर बोल्डर गिर गया। इससे टिन शेड में निवास कर रहे नेपाली दंपती चोटिल हो गए। मसूरी में कई जगह भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई है। देहरादून में रविवार दोपहर झमाझम बारिश हुई, जिससे उमस से कुछ हद तक राहत मिली। बारिश के बाद मुख्य मार्गों पर दूनवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा।मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज देहरादून समेत चार जिलों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। प्रदेश के अन्य जिलों में गरज के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना है।

बारिश से भागीरथी समेत सभी नदियों में सिल्ट की मात्रा बढ़ गई है। इस कारण रविवार को मनेरी भाली प्रथम और द्वितीय जलविद्युत परियोजना में पांच-पांच घंटे विद्युत उत्पादन ठप रहा। इससे दोनों परियोजनाओं को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। हर्षिल घाटी में हुई बारिश के कारण गंगोत्री हाईवे पर डबराणी के पास तीन जगह भूस्खलन हुआ। इस कारण हर्षिल से उत्तरकाशी आने के लिए ग्रामीणों को घंटों इंतजार करना पड़ा। रविवार को दोपहर तक सीमा सड़क संगठन की टीम ने राजमार्ग को सुचारू कर दिया था।

भूस्खलन से बदरीनाथ हाईवे चमोली में छह और रुद्रप्रयाग में आठ घंटे बंद रहा। चमोली में तेज बारिश से गोशाला और खेत मलबे में दब गए हैं। घाट क्षेत्र में कांडई-खुनाणा मोटरमार्ग पर कर्तीगाड के पास एक मालवाहक वाहन मलबे में फंस गया। रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ हाईवे पर शिवनंदी में पहाड़ी से काफी मात्रा में मलबा व बोल्डर हाईवे पर आ गए। इससे यहां आलवेदर रोड का निर्माण कर रही संस्था का क्रशर प्लांट, एक जेसीबी मशीन और तीन डंपर मलबे में दब गए।

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