तुर्की में एक बार फिर हिली धरती

अंकारा: तुर्की और सीरिया बॉर्डर पर एक बार फिर भूकंप का झटका महसूस हुआ है। 6.3 की तीव्रता का भूकंप सोमवार की देर शाम महसूस किया गया। यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र (EMSC) ने कहा कि भूकंप 1.9 किमी की गहराई में आया है। तुर्की में एक बार फिर आए इस भूकंप ने लोगों को डरा दिया है। इस भूकंप से अब तक 40 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। यह भूकंप तब आया है, जब सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री ने तुर्की से लौटे बचाव दल की तारीफ की थी।

तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन छह फरवरी को आये भूकंप से तबाह हुए प्रांतों का दूसरी बार दौरा कर रहे हैं। आधुनिक तुर्किये के इतिहास में आई सबसे भयावह आपदा में मलबे में जीवित लोगों के दबे होने की संभावना को देखते हुए चलाये जा रहे तलाशी अभियान को बंद किया जा रहा है। तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी एएफएडी ने देश में भूकंप से मौत के पुष्ट मामलों की संख्या 41,156 बताई है। इस तरह तुर्किये और सीरिया दोनों जगह कुल 44,844 लोग भूकंप से मारे जा चुके हैं।

भूकंप से प्रभावित अधिकतर क्षेत्रों में जीवितों की तलाश के अभियान को रोक दिया गया है। हालांकि, एएफएडी के प्रमुख यूनूस सेजेर ने संवाददाताओं से कहा कि तलाशी दल तबाह हुई एक दर्जन से अधिक इमारतों में अपने प्रयासों को बढ़ा रहे हैं। मलबे में अब किसी के जीवित दबे होने की संभावना नहीं है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भूकंप के बाद अमेरिकियों द्वारा दिये गये समर्थन की प्रशंसा की। तुर्किये के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोगलू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ब्लिंकन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की सरकार ने आपदा के कुछ घंटे के भीतर सक्रियता दिखाई और राहत सामग्री के साथ ही अब तक सैकड़ों कर्मियों को भेज चुकी है।

उन्होंने कहा कि आम अमेरिकियों ने भी भूकंप क्षेत्र से आई दिल दहला देने वाली तस्वीरों को देखने के बाद मदद के हाथ बढ़ाये। नाटो ने बताया कि 600 अस्थायी कंटेनर लेकर एक जहाज इटली से निकल चुका है और अगले सप्ताह तुर्किये पहुंच सकता है।

नाटो ने 1,000 से अधिक ऐसे कंटेनर भेजने का संकल्प व्यक्त किया है, जो भूकंप से बेघर हुए कम से कम 4,000 लोगों के अस्थायी घर बनेंगे। पिछले सप्ताह भूकंप प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने वाले नाटो प्रमुख जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने इसे संगठन के इतिहास की सबसे भयावह आपदा करार दिया।

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