मासूमों का कत्ल नहीं भूलेगी सरकार

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में मासूमों और अल्पसंख्यकों की बेरहम हत्याओं के बाद केंद्र सरकार आतंकियों को बख्शने के मूड में नहीं है। निहत्थों को निशाना बनाने वाले इन आतंकियों को चुन-चुन कर मारने की योजना है और इसके लिए केंद्र सरकार ने अपने टॉप आतंक-रोधी एक्सपर्ट्स को घाटी भेजा है। ये एक्सपर्ट्स स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर पाकिस्तान समर्थित आतंकियों का सफाया करने में मदद करेंगे।

श्रीनगर के ईदगाह इलाके के सरकारी स्कूल में हए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर को लेकर पांच घंटे की मैराथन बैठक की। बीते पांच दिनों में हुए हमलों के पीछे पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा समर्थित द रेजिस्टेंस फोर्स का हाथ था। सुरक्षा एजेंसियों से आतंक रोधी एक्सपर्ट्स की टीम घाटी भेजने के साथ ही शाह ने हमलों के साजिशकर्ताओं को भी पकड़ने के निर्देश दिए हैं।

शाह के आदेश के बाद इंटेलिजेंसी ब्यूरो के आतंक-रोधी अभियानों के प्रमुख तपन डेका शुक्रवार को घाटी रवाना हो रहे हैं। वह खुद आंतकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की निगरानी करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की अन्य आतंक रोधी दस्ते पहले ही कश्मीर पहुंच चुके हैं। घाटी में नागरिकों को निशाना बनाते हुए हुए आतंकी हमले ऐसे समय में हो रहे हैं जब देशभर के टूरिस्ट अब कश्मीर में जमा हो रहे हैं और सारे होटल भर गए हैं।

टॉप सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि हालिया हमलों में आतंकियों ने पिस्टल का इस्तेमाल किया है। संभव है कि ये हथियार सीमा पार से ड्रोन के जरिए घाटी में गिराए गए हों। घाटी में हमले बढ़वाकर पाकिस्तान भारत की मोदी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में है।

हालांकि, मोदी सरकार पाकिस्तान के आगे किसी भी कीमत पर झुकने के मूड में नहीं है। गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों और अर्द्धसैनिक बलों को निर्देश दिए हैं कि वे बिना देरी के हमलावरों को खत्म करे और घाटी में दोबारा शांति स्थापित करें।

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