जन्नत-ए-कश्मीर: सैलानियों से गुलजार

श्रीनगर: फ़ितरत ने जो खींची है वो तस्वीर यही है,फ़िरदौस-ज़मीं जन्नत-ए-कश्मीर यही है। डल झील हो या पहलगाम या गुलमर्ग, हर जगह सैलानियों की तादाद साफ बता रही है कि जन्नत-ए-कश्मीर आज भी देसी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद हैं।  पर्यटन जगत से जुड़ा हर शख्स सैलानियों का गर्मजोशी से स्वागत कर रहा है।

पिछले 10 दिन में कश्मीर में लगभग 15 हजार पर्यटक आ चुके हैं। यह संख्या रोज बढ़ रही है। पर्यटन विभाग के अनुसार, जुलाई माह के पहले सप्ताह में रोजाना औसतन 1200 पर्यटक पहुंच रहे थे। शुक्रवार-शनिवार को तीन हजार पर्यटक घाटी पहुंचे हैं। इस साल अब तक कश्मीर में करीब 1.55 लाख पर्यटक आ चुके हैं। इनमें 850 विदेशी हैं। इस वर्ष मार्च माह में लगभग 42 हजार पर्यटक कश्मीर आए थे। उसके बाद कोरोना संक्रमण के कारण सब बंद हो गया। अब सब खुल चुका है और पर्यटन विभाग की मानें तो जुलाई में करीब 50 हजार पर्यटक कश्मीर पहुंचेंगे।

यह बदलाव का ही संकेत है कि कि लालचौक के आसपास भी बड़ी संख्या में पर्यटक घूमते नजर आते हैं। चश्माशाही बाग के नीचे बाटनीकल गार्डन में फिरन में तस्वीर खिंचवा रहे पुणे से आए नारायण खेमकर ने कहा कि मैं पहली बार कश्मीर आया हूं। यहां सबकुछ शांत है। मौसम अच्छा है। हम लोग कोरोना प्रोटोकाल का पालन कर रहे हैं। हमारा टैक्सी चालक ही हमारा गाइड है।

कुछ बरस अच्छे नहीं रहे: वर्ष 2019 मेंं जुलाई के अंतिम सप्ताह में घाटी पर्यटकों से खाली हो गई थी। वर्ष 2020 में कोरोना लाकडाउन ने पर्यटन क्षेत्र का बहाल नहीं होने दिया। इस वर्ष पर्यटकों की आमद जब जोर पकडऩे लगी तो फिर लाकडाउन शुरू हो गया था।

दूसरी बार कश्मीर घूमने आए मनीशा साबडे ने कहा कि पहले तय किया कि हिमाचल जाएंगे फिर हमने कहा कि कश्मीर ही बेहतर है। यहां आपके लिए बाग-बगीचे, झील, पहाड़ और बर्फ सबकुछ है। यहां की दस्तकारी बेजोड़ है। पहले टैक्सी चालक व होटल मालिक से पूछती थी कि बाहर सब ठीक है। इस बार ऐसा पूछने की जरूरत महसूस नहीं हुई है।

टैक्सी चालक नजीर ने कहा कि हालात पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हैं। इस बार मैंने पर्यटकों में एक बात देखी है, वे अब अपनी सुरक्षा या कश्मीर के हालात को लेकर ज्यादा बात नहीं करते।डल झील किनारे स्थित होटल के मालिक आसिफ ने का मानना है कि कश्मीर में आने वाले वर्षाें में पर्यटकों की भीड़ रहेगी और उसकी शुरुआत हो चुकी है। यह माहौल बना रहना चाहिए।

टे्रवल एजेंटस एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष पारू कठु ने कहा कि देशभर से अग्रिम बुकिंग के लिए काल आ रही हैं। हालात अगर यूं ही सुधरते रहे तो यहां पर्यटकों के लिए लोगों को होम स्टे भी शुरू करना पड़ सकता है। इस समय महाराष्ट्र, बंगाल और नई दिल्ली से ही ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं। पहलगाम व गुलमर्ग शनिवार-रविवार को पैक होते हैं।

पर्यटन निदेशक डा. जीएन इट्टू ने कहा कि पर्यटन अब जोर पकड़ रहा है। हमने होटल संचालकों, टैक्सी आपरेटेरों, रेस्तरां मालिकों व कॢमयों, शिकारेवाले सभी को कोरोना वैक्सीन लगाई है। प्रत्येक होटल व हाउसबोट मालिक से कहा है कि होटल में एक दो कमरे ऐसे जरूर हों, जिसमें किसी पर्यटक में कोरोना का कोई लक्षण पाए जाने पर उसे आइसोलेशन में रखा जा सके।

डल झील में पर्यटकों को सैर कराने के बाद प्रफुल्लित अब्दुल रज्जाक ने कहा कि खुदा का शुक्र है कि सैलानी लौट आए हैं। लगभग सभी शिकारे दिनभर बुक रहते हैं। हालात सुधर रहे हैं। मैंने भी टीका लगवाया है और सैलानियों से भी कहता हूं कि कश्मीर घूमने आएं, लेकिन टेस्ट कराकर आएं।

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