हंगामेदार होगा नई संसद में मानसून सत्र!

सरकार को घेरने के लिए तैयारी में विपक्ष, इन 7 बिलों पर होगा फोकस

नई दिल्ली. संसद का मानसून सत्र इस बार हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है. मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होकर 11 अगस्त तक चलेगा. इसमें कुल 15 बैठकें होने की संभावना है. सरकार ने आगामी सत्र के दौरान पारित होने वाले कई विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिसके काफी हंगामेदार होने की उम्मीद है.

विपक्षी दल महत्वपूर्ण मुद्दों को उठा सकते हैं और मणिपुर में हिंसा, विपक्ष शासित राज्यों में राज्यपालों के हस्तक्षेप, महंगाई सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर सकते हैं. कुछ विपक्षी दल अडानी स्टॉक मुद्दे में जेपीसी ‘संयुक्त संसदीय समिति’ की मांग उठा सकते हैं.

सत्र की तारीखों की घोषणा करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक ट्वीट में सभी राजनीतिक दलों, विशेष रूप से विपक्षी दलों से सहयोग की अपील की. आगामी सत्र में बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता ‘यूसीसी’ विधेयक पेश करने पर सरकार के फैसले का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. वहीं, कई अन्य विधेयकों को पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.

केंद्र आगामी सत्र में पारित होने के लिए डेटा संरक्षण विधेयक लाने के लिए तैयार है. यह विधेयक को अपने नवीनतम रूप में, वर्तमान में संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के लिए विभाग संबंधित स्थायी समिति द्वारा जांच की जा रही है. यदि यह विधेयक संसद में पारित हो जाता है, तो नया डेटा संरक्षण विधेयक वर्तमान सूचना प्रौद्योगिकी ‘उचित सुरक्षा प्रक्रिया और संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा या सूचना’ नए नियमों के साथ आएगा, जिन्हें 2011 में अधिसूचित किया गया था.

यह हैं लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के लिए लंबित विधेयक

– निरसन और संशोधन विधेयक, 2022
– जैव विविधता ‘संशोधन’ विधेयक 2021 (संसद की संयुक्त समिति से मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक तैयार हो गया है)
– बहु राज्य सहकारी समिति ‘संशोधन’ विधेयक 2022 (इसे पैनल द्वारा भी मंजूरी दे दी गई है. जिसे पिछले बजट सत्र में संदर्भित किया गया था)
– जन विश्वास प्रावधानों में संशोधन विधेयक 2022 (इसे संयुक्त समिति ने भी मंजूरी दे दी है)
– माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण संशोधन विधेयक 2019 (इसे स्थाई समिति द्वारा सूचित किया गया है. यह भी पारित होने के लिए तैयार है)
– मध्यस्थता विधेयक 2021 (स्थाई समिति द्वारा जांच पूरी करने के बाद लोकसभा में पारित करने के लिए रखा जाएगा. इस बिल को सबसे पहले राज्यसभा में पेश किया गया था)
– हिमाचल प्रदेश राज्य के संबंध में लोकसभा द्वारा पारित संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश ‘तीसरा संशोधन’ विधेयक 2022 (राज्यसभा में पारित होने के लिए तैयार है.)
– छत्तीसगढ़ के संबंध में लोकसभा द्वारा पारित संविधान ‘अनुसूचित जनजाति’ आदेश पांचवां संशोधन विधेयक 2022 (इसे भी उच्च सदन में पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया जाना है.)

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