नई दिल्ली: बीते सप्ताह विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों के दामों में गिरावट रही और यह 100-150 डॉलर नीचे आ गए। इसकी वजह से देशभर के तेल-तिलहन बाजारों में लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव नुकसान का रुख प्रदर्शित करते बंद हुए। गर्मी के कारण मांग कमजोर होने से भी गिरावट बढ़ गई।
बीते साल के मुकाबले सरसों तेल विदेशी तेलों से सस्ते हो गये हैं। पहले आयातित तेलों के भाव सरसों से कम होते थे, लेकिन इस साल आयातित तेलों के भाव काफी अधिक हैं। विदेशी खाद्य तेलों के भाव पिछले साल के मुकाबले 25-30 प्रतिशत महंगे हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि पिछले सप्ताहांत के मुकाबले बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 150 रुपये टूटकर 7,665-7,715 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल 400 रुपये टूटकर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 15,400 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमतें भी क्रमश: 60-60 रुपये हानि के साथ क्रमश: 2,420-2,500 रुपये और 2,460-2,570 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुईं।
सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में मंदी के रुख के बीच बीते सप्ताह सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के भाव क्रमश: 50-50 रुपये की नुकसान के साथ क्रमश: 7,050-7,150 रुपये और 6,750-6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
इसी तरह समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में भी गिरावट रही। सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 720 रुपये, 700 रुपये और 650 रुपये की नुकसान के साथ क्रमश: 17,050 रुपये, 16,500 रुपये और 15,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
पूर्व सप्ताहांत के बंद भाव के मुकाबले समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के भाव भी नुकसान दर्शाते बंद हुए। मूंगफली दाना 200 रुपये, मूंगफली तेल गुजरात 550 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 6,960-7,095 रुपये और 16,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड का भाव भी 60 रुपये टूटकर 2,675-2,865 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
विदेशी बाजारों में मंदी के रुख के बीच कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का भाव भी 600 रुपये टूटकर 15,200 रुपये क्विंटल रह गया। पामोलीन दिल्ली का भाव भी 650 रुपये टूटकर 16,750 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 500 रुपये टूटकर 15,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।