पवनदीप राजन और अरुणिता कांजीलाल एक बार फिर साथ आए नजर

रुद्रप्रयाग। इंडियन आइडल विनर (Indian Idol Winner) पवनदीप राजन (Pawandeep Rajan) अरुणिता कांजीलाल (Arunita Kanjilaal) के साथ रुद्रप्रयाग पहुंचे। उन्होंने केदारघाटी पहुंचकर पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में भोले बाबा के दर्शन किए। त्रियुगीनारायण मंदिर में भी शिव और पार्वती के विवाह स्थल के साथ ही भगवान विष्णु के दर्शन किए।

इंडियल आइडल सीजन 12 के विनर पवनदीप राजन और अरुणिता कांजीलाल शनिवार को रुद्रप्रयाग जिले में पहुंचे और यहां से सीधे केदारघाटी गए। सबसे पहले रविवार को गायक पंचकेदारों के गद्दीस्थल ओकारेश्वर मंदिर पहुंचे और यहां पूजा-अर्चना की। लगभग एक घंटे तक पूजा करने के बाद दोनो स्थानीय निवासियों से भी मिले। मंदिर की पौराणिकता और सुंदरता की भी जमकर तारीफ की।

इसके बाद दोनों कालीमठ मंदिर पहुंचे, जहां काली मां की पूजा की। इसके बाद दोनों त्रियुगीनारायण मंदिर पहुंचे। भगवान शिव और पार्वती के विवाह स्थल त्रियुगीनारायण् मंदिर में भगवान बिष्णु के दर्शन किए। त्रियुगीनारायण मंदिर में दोनो ने पूजा के साथ ही आस पास गांव में भी मंदिर से जुड़ी कई जानकारियां ली।

इंडियन आइडल सीजन-12 (Indian Idol Season 12) के विनर पवनदीप राजन और रनर अप अरुणिता कांजीलाल को हर कोई जानता है। इन दोनों की जोड़ी सभी को काफी पसंद है। इंटरनेट मीडिया के जरिए भी दोनों अक्सर साथ नजर आते हैं और अपने फैंस को काफी इंप्रेस करते हैं। दोनों की सिंगिंग कैमिस्ट्री को भी काफी पसंद किया जाता है।

दोनों शो के दौरान से ही काफी चर्चाओं में रहे। इंटरनेट मीडिया पर अक्सर दोनों के साथ होने की खबरें भी छाई रहती हैं। हालांकि इस पर दोनों ने कभी खुलकर कुछ नहीं कहा। हाल ही में दोनों की एक फोटो इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हुई है, जिसमें दोनों दूल्हा और दुल्हन के लिबास में नजर आए। अब एक बार फिर दोनों उत्तराखंड में नजर आए हैं। पवनदीप राजन और अरुणिता कांजीलाल रुद्रप्रायग जिले पहुंचे, जहां उन्होंने ओमकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ, कालीमठ और त्रिजुगीनारायण मंदिर के दर्शन किए।

इंडियन आइडल विनर पवनदीप राजन मूल रूप से कुमाऊं के रहने वाले हैं। उनका जन्म 1996 में चंपावत जिले के वल्चौड़ा गांव में हुआ। उन्होंने चंपावत से ही अपनी पढ़ाई भी की। उनके पिता सुरेश राजन और ताऊ सतीश राजन ने बचपन से ही उन्हें संगीत सिखाया। पवन दीप राजन को संगीत विरासत में मिला। उनके दादा स्व. रति राजन भी अपने समय के प्रसिद्ध लोकगायक थे।

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