प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के हित के लिए सरकार प्रतिबद्ध

हल्द्वानी:देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई की जंयती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर विकास खण्ड हल्द्वानी में किसान मेला गोष्ठी आयोजित हुई। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री कृषि श्री सुबोध उनियाल द्वारा शिरकत की गई।

गोष्ठी को वीडियों काॅन्फेसिंग के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसान भाईयों से संवाद किया व सम्बोधित किया गया । प्रधानमंत्री द्वारा इस अवसर पर पीएम किसान निधि के तहत देश भर के 09 करोड किसान परिवारों के बैंक खातों में 18 हजार करोड रूपये की सम्मान राशि हस्तांतरण की गई।
वीडियों काॅन्फेसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसानों के हित के लिए सरकार प्रतिबद्ध है सरकार किसानों के साथ है वर्ष 2018-19 से अधिसूचित कृषि जिंसो की एमएसपी, उत्पादन लागत का डेढ गुना निर्धारित की गई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित कृषि बुनियादी ढांचे के लिए 01 लाख करोड रूपये के कृषि अवसंरचना कोष बनाया गया है तथा 10 हजार कृषि उत्पादक संगठन स्थिपित किये जा रहे है इसके लिए 6850 करोड का बजट प्रावधानित किया गया है। उन्होने कहा कि दिसंबर 2018 से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्र्तगत पात्र किसान परिवारों कों 02 हजार रूपये की तीन समान किस्तों में सालाना 06 हजार रू की सम्मान राशि का वितरण किया जा रहा है।

उन्होने कहा कि कोरोना काल लाॅकडाउन में भी 43 हजार करोड रूपये से अधिक की सम्मान राशि सीधे किसानो के खातों में जमा की गई। अब तक 10 करोड 60 लाख किसानों के खातों में कुल 95 हजार करोड रूपये से अधिक की राशि का हस्तांतरण की गई। उन्होने कहा कि किसानों को एमएसपी मूल्य मिलता रहा है मिलता रहेगा। सरकारी मण्डी व्यवस्था जारी रहेगी नये कानून मण्डीयों को किसानो को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। किसान अब अपनी फसल कही भी, किसी को भी बेच सकते है और ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। उन्होने कहा कि किसान ही अपनी जमीन के मालिक रहेंगे। कृषि सुधार कानून के तहत जमीन की बिक्री, लीज और गिरवी रखना प्रतिबन्धित रहेंगा।

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई सुशासन व पार्दर्शिता के पक्षधर थे। उन्होने सभी को जोड़ने का कार्य किया है वे जनमानस व कृषकों के हितकर थे। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि के लिए बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 के 21933 करोड़ रूपये की तुलना में वर्ष 2020-21 में छः गुना यानि 134399 करोड़ रूपये का बजट कर दिया गया है।

ऐसे ही न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक बढो़त्तरी वर्ष 2019-20 से अधिसूचित कृषि जिंसो के एमएसपी दर उत्पादन लागत का डेढ़ गुना निर्धारण करने की व्यवस्था की। नीम कोटेड यूरिया के परिणामस्वरूप उन्नत मृदा स्वास्थ्य से बेहतर उपज मिली है। उन्होने कहा कि परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत देश में जैविक खेती को बढावा दिया गया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से 6.6 करोड किसानो को लाभ पहुंचाया गया है जिसमे 87 हजार करोड से अधिक के दावों का भुगतान किया गया है।

उन्होने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड सुतृप्तिकरण अभियान तहत विगत छः माह में कुल 1.60 करोड किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गए तथा 145966 करोड रूपये की ऋण सीमा स्वीकृत की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को समस्त सुविधायें डिजिटली उपलब्ध कराने हेतु डिजिटल एग्री स्टैक जिसके अन्तर्गत यूनिवर्सल फार्मर्स सर्विस इंटरफेस के माध्यम से सभी किसानों को सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। उन्होने कहा कि शहद उत्पादन तथा उद्यमिता को बढा़वा देने हेतु 500 करोड रूपये का प्रावधान कर दिया गया है।

श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के लिए किसान कल्याण, उनके जीवन की सबसे अहम प्रतिबद्धताओं में से एक है। किसानों की आय बढाने, उनके जीवन में समृद्ध लाने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार लगातार फैसले ले रही है। उन्होने कहा कि बीते 06 वर्षो में किसान को सशक्त करने के लिए हमारी सरकार द्वारा बीज से बाजार तक हर वो फैसले लिया गया, जो किसानों के लिए खेती को और आसान बनाए, उनकी मुश्किलें कम करें और मुनाफा बढाएं।

उन्होने कहा कि हमारे देश में 80 फीसदी छोटे किसान है, जिनकी जोत एक-दो एकड़ की है। ऐसे किसान आजादी के बाद से ही खेती सिर्फ पेट पालने के लिए करते रहें है। सरकार ने जो कदम उठाएं है, उनका बड़ा लाभ इन छोटे किसानों को ही हो रहा है। सूबे के कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानो की आय दुगना करना सरकार का लक्ष्य व संकल्प है। सरकार किसानों के हित के रक्षा हेतु कटिबद्ध है किसान अपनी उपज को पूरे देश में जहां अधिकतम मूल्य मिल रहा हो वहां बेच सकता है।

उन्होने कहा कि प्रदेश में जिला योजना के अन्तर्गत 40 प्रतिशत धनराशि कृषि उद्यान में व्यय किया जा रहा है। किसानों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए कृषकों को 01 से 03 लाख रूपये तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। भारत सरकार ने किसानों के हित में प्रदेश हेतु 15 हजार कलस्टर स्वीकृत किये है। उन्होने कहा कि पूरे प्रदेश में कृषक समूहों हेतु कृषि विभाग द्वारा 1300 दुकाने बनाकर समूहो को दिये जायेगे। उन्होने कहा कि प्रदेश में 350 से अधिक निर्णय किसानो के हित में लिये गये है।

उन्होने ने कहा कि किसानों को समस्त सुविधायें डिजिटली उपलब्ध कराने हेतु डिजिटल एग्री स्टैक जिसके अन्तर्गत यूनिवर्सल फार्मर्स सर्विस इंटरफेस के माध्यम से सभी किसानों को सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। सरकार किसानों के हित के लिए संकल्पित है।कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विधायक नवीन चन्द्र दुम्का, कार्यक्रम अध्यक्ष ब्लाक प्रमुख रूपा देवी, जिलाध्यक्ष भाजपा प्रदीप बिष्ट, प्रदेश प्रभारी किसान मोर्चा राजेन्द्र सिंह बिष्ट द्वारा सम्बोधित किया गया।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, उपाध्यक्ष जिला पंचायत आनन्द दरम्वाल, कनिष्ठ प्रमुख शशिकांत पाण्डे, दर्जा मंत्री फकीर राम, महामंत्री प्रदीप जनोटी, उपाध्यक्ष मण्डी समिति रवीन्द्र रैकुनी, पार्षद प्रमोद तोलिया, राजेन्द्र अग्रवाल, प्रदेश महामंत्री किसान मोर्चा महेन्द्र सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा कमल मुनि, दिनेश खुल्बे, प्रताप बिष्ट, चन्दन बिष्ट, संसाद प्रतिनिधि लक्ष्मण सिंह खाती, भूपेन्द्र सिंह क्वीरा,भूवन प्रसाद, लाखन निगल्टिया, धीरज पाण्डे, अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपागी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डाॅ. पीएस भण्डारी, बीडीओ डाॅ. निर्मला जोशी आदि मौजूद थे।

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